रोकिये ! ये अनावश्यक अमानवीय प्रयोग | EDITORIAL by Rakesh Dubey

“जनता कर्फ्यू” “लॉक डाउन” और “दीया जलाओ” कार्यक्रम विरोध के बावजूद सफल रहे, पर उसके बाद आनन्द अतिरेक। मरकज से जुड़े कोरोना के बीमार या उसके बाद क्वार्नतिन में रह रहे लोगों के व्यवहार का प्रतिफल आज भोपाल और इंदौर के सामने है। किसने भुगता और कौन भुगतेगा कहना मुश्किल है। कोई इसे कुछ भी नाम दे, मेरे मत में जन जीवन से खिलवाड़ के कारक बने, ये दोनों प्रयोग गलत थे। संक्रमण तो अपनी जगह खतरनाक है ही, हमारे राष्ट्रीय चरित्र पर भी ऐसे प्रयोगों से लांछन लगता है। राजनीति की भी इसमें बड़ी भूमिका है।

टोलीगंज कोलकाता में पैदा हुए बीबीसी के पत्रकार मार्क टुली के बयान से कुछ लोग सहमत और कुछ असहमत हो सकते हैं कि "मोदी इस देश के उस बडे बरगद को उखाड़ कर गिरा रहे हैं, जिसमें वर्षों से विषैले कीड़े लगे हुए हैं! इसके लिए उन्हे लगातार महासंघर्ष करना होगा! "उन्ही के बयान के अगले हिस्से हैं। मोदी नें देश में छुपे सारे जहरीले नागों के बिल में एक साथ हाथ डाल दिया है, इसलिये ये नाग फुफकार रहे हैं, कांग्रेस, वामपंथ, जेहादी, नक्सली, मिशनरी सहित हर तरह के नागों को कांग्रेस नें अपनें पास छुपाए रखा था, भारत भूमि को बर्बाद करने के लिए, वो तो अच्छा हुआ कि मोदी सत्ता में आ गये और इन जहरीले नागों से देश को परिचित और सतर्क कर इन्हें बेनकाब कर दिया, वरना ये जहरीले नाग आनें वाले समय में इस भारत निगल जाते और हमारी आनें वाली पीढ़ियों के पास सिवाय रोने, बिलखने के इलावा कुछ नही बचता। 

कोरोना वायरस से युद्ध में कांग्रेस और वामपंथ की भूमिका विशुद्ध राजनीतिक ही रही। इससे कुछ लोगों को सरकारी आदेश की अवज्ञा से लेकर, सरकारी अमले पर हमले की हिम्मत आ गई। ये कृत्य तो गलत है ही प्रतिक्रिया स्वरूप आनन्द अतिरेक में निकले जुलूस और पटाखे फोड़ना भी समझदारी की निशानी नहीं है। इस आनन्द अतिरेक की पीठ भी राजनीति ठोंकी।

कोरोना वायरस के संकट से आज पूरी दुनिया जूझ रही है लेकिन ऐसे ही वक्त पर कुछ लोग अपनी बेहूदगी और लापरवाही से समाज के लिए खतरा बनकर सामने आ रहे हैं। डॉक्टरों से अभद्रता और बेहूदगी की घटनाएं सिर्फ भारत में ही नहीं हो रहीं, बल्कि सबसे सख्त कानून शरिया वाले देश सऊदी अरब में भी लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं ।वहां एक मॉल की सामान रखने वाली ट्रॉलियों पर थूकने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। गल्फ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि यदि आरोपी व्यक्ति को अदालत में थूकने का दोषी ठहराया जाता है तो उसे सजा-ए-मौत दी जा सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार, एक अज्ञात व्यक्ति को उत्तरी-पश्चिमी इलाके के एक शॉपिंग मॉल की ट्रॉलियों पर थूकते हुए देखा गया है। घटना के बारे में पुलिस को सूचित किया गया जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। थूकने का मामला इसलिए भी ज्यादा तूल पकड़ रहा है कि क्योंकि सऊदी अरब में कोरोनावायरस महामारी फैली है औेर यहां का प्रशासन इस पर काबू पाने में लगातार प्रयास कर रहा है। आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, घटना के बारे में अभी आरोपी का उद्देश्य स्पष्ट नहीं हो सका।

भारत हो या  सऊदी  इस प्रकार के व्यवहार को धर्मगुरुओं द्वारा और इस्लाम को मानने वालों द्वारा घोर निंदनीय बताया गया है। माना जा रहा है कि आरोपी शख्स ने जानबूझकर कोरोना महामारी को फैलाने के बद इरादे से ऐसे कृत्य को अंजाम दिया। आरोपी समाज के लिए किसी खतरे से कम नहीं है। आज विश्व जिस महामारी से जूझ रहा है उसमे सबसे ज्यादा समझदारी की जरूरत है। इसी समझदारी का विस्तार मानवता कहलाती है।
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श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703        
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