SHEETALA ASHTAMI / शीतला अष्टमी पर गलती से भी न करें यह कार्य | RELIGIOUS

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नई दिल्ली। शीतला अष्टमी हिन्दु ओं का एक त्योहार है जिसमें शीतला माता के व्रत और पूजन किये जाते हैं। ये होली सम्पन्न होने के अगले सप्ताह में बाद करते हैं। प्रायः शीतला देवी की पूजा चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि से प्रारंभ होती है, लेकिन कुछ स्थानों पर इनकी पूजा होली के बाद पड़ने वाले पहले सोमवार अथवा गुरुवार के दिन ही की जाती है। शीतला की पूजा का विधान भी विशिष्ट होता है। 

शीतलाष्टमी के एक दिन पूर्व उन्हें भोग लगाने के लिए बासी खाने का भोग यानि बसौड़ा तैयार कर लिया जाता है। अष्टमी के दिन बासी पदार्थ ही देवी को नैवेद्य के रूप में समर्पित किया जाता है और भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। इस कारण से ही संपूर्ण उत्तर भारत में शीतलाष्टमी त्यौहार, बसौड़ा के नाम से विख्यात है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन के बाद से बासी खाना खाना बंद कर दिया जाता है। ये ऋतु का अंतिम दिन होता है जब बासी खाना खा सकते हैं।

1.शीातला अष्टमी के दिन अग्नि प्रज्वल्लित नहीं की जाती। इसलिए इस दिन भूलकर भी अग्नि न जलाएं। मां शीतला की आरती भी जल से करें।
2. माता शीतला को भोग लगाने वाले भोजन में तीखा, नमक और खटाई बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। इन चीजों से बने हुए भोजन का भोग मां शीतला को लगाना वर्जित माना गया है।
3.शीतला अष्टमी के दिन भूलकर भी अपने घर में चूल्हा न जलाएं। शास्त्रों में इस दिन चूल्हा जलाना वर्जित माना गया है। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको मां शीतला के क्रोध का सामना करना पड़ेगा।

4.इस दिन माता शीतला की पूजा करते समय आपको गाढ़े रंग के वस्त्र बिल्कुल भी नहीं पहनने चाहिए और न हीं नए वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए।
5. शीतला अष्टमी के दिन घर में झाडू लगाना भी वर्जित माना गया है। इसलिए इस दिन भूलकर घर में झाडू बिल्कुल भी लगाएं।
6.इस दिन ऊनी वस्त्रों को न तो पहना जाता है और नहीं उसे बिछाया जाता है। ऐसा करना भी शीतला अष्टमी के दिन वर्जित माना जाता है।

7. इस दिन सूईं में धागा डालना भी वर्जित माना गया है। इसलिए भूलकर भी शीतला अष्टमी के दिन सूईं में धागा बिल्कुल भी न डालें।
8. माता शीतला के भोग में प्याज और लहसून का प्रयोग बिल्कुल भी न करें और न हीं इस दिन प्याज और लहसून का सेवन करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको माता शीतला के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।
9. इस दिन भूलकर भी शराब और मांसाहार का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपकी संतान को कोई गंभीर रोग हो सकता है।
10. शीतला अष्टमी के दिन भूलकर भी किसी जानवर को न तो तंग करें और न हीं उसे मारें विशेषकर गधे को क्योंकि गधे को माता शीतला का वाहन माना जाता है। आपके ऐसा करने से आपको कोई कुष्ठ रोग हो सकता है।

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