भोपाल। कांग्रेस पार्टी के बाद भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने विधायकों के नाम whip जारी कर दी है। यानी अब भारतीय जनता पार्टी के किसी भी विधायक ने क्रॉस वोटिंग की तो उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा।
व्हिप से भाजपा को क्या फायदा होगा
मध्यप्रदेश विधानसभा में पिछली बार एक विधेयक पर वोटिंग के दौरान भारतीय जनता पार्टी के दो विधायक श्री नारायण प्रजापति और श्री शरद कौल ने क्रॉस वोटिंग कर दी थी। क्योंकि भाजपा ने उस समय कोई whip जारी नहीं की थी इसलिए दोनों विधायक अनुशासनात्मक कार्रवाई से बच गए। इस बार यदि कोई विधायक ऐसा करना चाहता है तो उसे इस्तीफा देना होगा।
विधायकों की रवानगी शुरू, बेंगलुरु पर सस्पेंस
कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायकों को राजस्थान के जयपुर शहर में ठहराया है जबकि भारतीय जनता पार्टी अपने विधायकों को दिल्ली ले गई थी। 16 मार्च सोमवार को बजट सत्र प्रारंभ होना है और राज्यपाल महोदय के अभिभाषण के बाद विश्वास मत पर वोटिंग होगी अतः जयपुर और दिल्ली से विधायकों की रवानगी शुरू हो गई है। बेंगलुरु में ठहरे हुए 22 बागी विधायकों पर सस्पेंस बना हुआ है। विधायकों ने वीडियो जारी करके कहा है कि जब तक उन्हें CRPF की सुरक्षा नहीं मिलती वह मध्यप्रदेश नहीं आएंगे।