भोपाल। बेंगलुरु में ठहरे हुए 22 बागी विधायक यदि भोपाल आएंगे तो ने सुरक्षा कौन देगा, मध्य प्रदेश पुलिस या सीआरपीएफ? इस बात पर बड़ी लड़ाई शुरू हो गई है। सरकार चाहती है कि मध्य प्रदेश पुलिस विधायकों को सुरक्षा दे जबकि भाजपा चाहती है कि केंद्रीय पुलिस की सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए। विधायकों ने वीडियो जारी करके भारत सरकार की हथियारबंद पुलिस की सुरक्षा मांगी है। यह भी कहा है कि विधायकों को कमलनाथ सरकार से खतरा है।
बागी विधायकों की सुरक्षा को लेकर सरकार चिंतित क्यों है
यह एक बड़ा प्रश्न है कि कमलनाथ सरकार उन विधायकों की सुरक्षा को लेकर चिंता कर रही है जिन्होंने इस्तीफा भेज दिया है। जो बार-बार वीडियो जारी करके अपने स्तीफो का ऐलान कर रहे हैं। जिन्होंने एयरपोर्ट जैसे सुरक्षित स्थान पर खुलकर कहा कि इस्तीफा दे चुके हैं। भाजपा का आरोप है कि कमलनाथ सरकार को विधायकों की सुरक्षा की चिंता नहीं है बल्कि अपनी पुलिस को सुरक्षा के नाम पर तैनात करके विधायकों पर दबाव बनाया जाएगा। इससे पहले भी मध्य प्रदेश पुलिस भारी संख्या में कुछ विधायकों के घर बेवजह पहुंच गई थी। अरविंद भदौरिया और विश्वास सारंग ने इस पर घोर आपत्ति जताई थी।
विधायक नहीं आए तो क्या होगा
जयपुर से कांग्रेस के और दिल्ली से भाजपा के विधायक भोपाल के लिए रवाना हो रहे हैं लेकिन सारा दारोमदार बेंगलुरु में ठहरे हुए उन 22 विधायकों पर है जनों ने इस्तीफा दे दिया है। यदि इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो विधानसभा के भीतर विधायकों की कुल संख्या कम हो जाएगी। इसी के आधार पर निर्धारित होगा कि सरकार बहुमत में है या अल्पमत में। यदि विधायक नहीं आए तब विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। लेकिन बड़ी बात यह है कि कार्रवाई करेंगे क्या। यदि 22 विधायक अनुपस्थित रहे और सदन में विश्वासमत पर मतदान हुआ, तब भी वही स्थिति रहेगी।