मप्र कमलनाथ सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़िए | MP NEWS

Madhya Pradesh floor test : Supreme Court decision

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार शुक्रवार दिनांक 20 मार्च 2020 को अपना बहुमत साबित करेगी। फ्लोर टेस्ट की तारीख फाइनल कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ को 20 मार्च 2020 शुक्रवार शाम 5:30 बजे तक का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 16 विधायक अगर आना चाहते है तो कर्नाटक DGP और मध्यप्रदेश DGP सुरक्षा मुहैया कराए।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देशित किया कि पूरे प्रोटेस्ट की थर्ड पार्टी द्वारा वीडियोग्राफी कराई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि कि फ्लोर टेस्ट पर मतदान हाथ उठाकर किया जाएगा। यही निर्देश राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मध्यप्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की कार्रवाई का टीवी चैनलों पर सीधा प्रसारण करवाया जाए।

सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई हार गए कमलनाथ 

मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ को फ्लोर टेस्ट के लिए आदेशित किया था। इस संदर्भ में उन्होंने तीन बार पत्र लिखे परंतु मुख्यमंत्री कमलनाथ लगातार राज्यपाल के निवेदन को अनुचित बताते रहे। अंततः सुप्रीम कोर्ट ने वही फैसला दिया जो राज्यपाल निर्देशित कर रहे थे। मुख्यमंत्री कमलनाथ पहली लड़ाई हार गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट के लिए शाम 5:30 बजे का समय तय किया 

सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार शाम 5:30 तक का समय दिया है। विधानसभा का सत्र आयोजित किया जाना है। विधान सभा सचिवालय के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने कहा था कि वह 4 घंटे के अंदर विधानसभा सत्र आहूत करके किसी भी प्रकार की गतिविधि के लिए तैयार हैं।

सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कांग्रेस के वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि हम कैसे उन विधायकों से कह सकते हैं कि वह आपसे आकर मिले। बल ने कहा कि आपको कहने की जरूरत नहीं है आप सिर्फ इतना सुनिश्चित करें कि वह जहां चाहें जा सकते हैं। सिब्बल ने कहा कि किस तरह की राजनीति है कि हम उनके (कांग्रेस विधायकों के) पास नहीं जा सकते, ना उनसे मिल सकते हैं। सिब्बल ने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ान भर रहे हैं। यह केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित एक उच्च सुरक्षा क्षेत्र है और उन्होंने वहां से उड़ान भरने की अनुमति दी है। कोई भी उनसे मिलने में सक्षम नहीं है. क्या यह स्वतंत्र शख्स की परिभाषा है?

सीएम कमलनाथ का पक्ष रख रहे वकील कपिल सिब्बल ने सवाल किया कि क्या राज्यपाल अपनी शक्ति का इस्तेमाल सिर्फ इसलिए कर सकते हैं क्योंकि विपक्षी दल का कहना है कि हमारे साथ सत्तारूढ़ दल का सदस्य है, इसलिए सरकार बहुमत खो चुकी है! सिब्बल का तर्क है कि यदि बागी विधायक स्वतंत्र है, तो उन्हें विधानसभा में आने और मौजूदा सरकार (कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस के खिलाफ) वोट देने से क्या रोक रहा है?

लंच के बाद सुनवाई के दौरान वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह एक अनूठा मामला है जहां पहली बार एक राज्यपाल एक फ्लोर टेस्ट के लिए कह रहा है। किसी भी पक्ष ने अब तक बहुमत का दावा नहीं किया। स्पीकर की ओर से सिंघवी ने कहा- इस्तीफा देने वाले 16 विधायकों को नई सरकार से लाभ मिलेगा। 

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