सहारा रोड लाइंस के संचालकों पर मामला दर्ज | GWALIOR NEWS

ग्वालियर। परेशानी से बचने के लिए एक ट्रांसपोर्टर ने अपने तीन ट्रक सहारा रोड लाइन्स में अटैच कर दिए। रोड लाइन्स में ट्रक अटैच करने के बाद ट्रांसपोर्टर की परेशानी कम तो हुई नहीं, बल्कि बढ़ गई। कारण कि रोड लाइन्स कंपनी ने ना तो भाड़ा चुकाया और ना ही उनके ट्रक वापस किए। घटना गोला का मंदिर थाना क्षेत्र के पिण्टो पार्क की है। ठगी का शिकार पीडि़त थाने पहुंचा और मामले की शिकायत की, पुलिस ने शिकायत पर गंभीरता से पड़ताल नहीं की तो पीडि़त ने मामले की याचिका न्यायालय में लगाई। न्यायालय ने जांच के बाद कार्रवाई के निर्देश दिए। जिस पर पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज कर लिया है।

झांसी रोड थाना क्षेत्र के लभेड़पुरा निवासी रवि शर्मा पुत्र दिनेश शर्मा ट्रांसपोर्टर है और उनके तीन ट्रक एमपी 07 एचबी 9069, एचआर 68 बी 3669 और एमपी 07 एचबी 6269 चलते हैं। सहारा रोड लाइन्स के संचालक कमल किशोर और अनिल शर्मा से उनकी दोस्ती थी। वर्ष 2019 में उनसे कमल किशोर और अनिल ने कहा कि वह अपने ट्रक उनकी रोड लाइन्स में अटैच कर दें और उनकी सभी परेशानी खत्म हो जाएगी। इसके एवज में उन्हें प्राफिट में से मात्र दस प्रतिशत चाहिए।

उनकी बातों में आकर उन्होंने अपने ट्रक रोड लाइन्स में अटैच कर दिए। इसके बाद एक माह तो उन्होंने पैमेंट रवि को दिया, इसके बाद अगस्त माह से उन्होंने पैमेंट करना बंद कर दिया और ट्रक भी गायब करा दिए। कई चक्कर काटने के बाद भी जब उनके ट्रक वापस नहीं आए तो उन्होंने इसकी शिकायत गोला का मंदिर थाना पुलिस से की, लेकिन पुलिस ने शिकायत गंभीरता से नहीं ली तो मामले की याचिका न्यायालय में लगाई, जिस पर न्यायालय ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई के लिए गोला का मंदिर थाना पुलिस को निर्देशित किया। फरियादी ने बताया कि सहारा रोड लाइन्स में लगे ट्रकों की कीमत करीब एक करोड़ बीस लाख रुपए है। प्रत्येक ट्रक चालीस लाख रुपए की कीमत का है।

उधर हजीरा थाना क्षेत्र के कांचमील निवासी औतार सिंह मिर्धा फल व्यवसायी हैं। उसके घर के पास ही सुनील भदौरिया रहते हैं। व्यवसाय में परेशानी ना आए, इसके लिए औतार ने स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया में खाता है। वर्ष 2017 में उसने बैंक में चेकबुक के लिए एप्लाई किया था। इसके बाद उसकी माताजी का निधन हो गया और वह अपने गांव चला गया। जहां पर एक माह तक रहा, इस बीच बैंक से आई उसकी चेकबुक को पड़ोसी सुनील भदौरिया ने ले लिया था और जब वह वापस आया तो उसे चेकबुक दे दी। जब उसने चेकबुक चेक की तो पता चला कि चेकबुक से चार चेक गायब हैं। इसी बीच उसे नोटिस मिला कि चेकबुक से गायब चेक रूबी परिहार द्वारा 1 लाख 42 हजार रुपए की राशि भरकर बैंक में लगाया है। जब इसके बारे में उसने सुनील से पूछा तो उसने बताया कि चेक उसने दिया है और उसके फर्जी साइन भी उसी ने किए हैं और उसे जो करना है वह करे। धमकी और धोखाधाड़ी का शिकार पीडि़त थाने पहुंचा और मामले की शिकायत की। पुलिस ने शिकायत पर आरोपियों सुनील भदौरिया और रूबी परिहार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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