इंदौर। नाबालिग लड़के व लड़की की शादी कराने वाले लड़की और लड़के के पिता को जेएमएफसी कोर्ट (JMFC Court) ने एक साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। शादी के बाद लड़की गर्भवती हो गई थी। महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम के दौरान चले अभियान में इसका पता चलने के बाद मामला पुलिस तक पहुंचा था।
जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख ने बताया कि महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम के तहत एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी अपनी टीम के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं का भौतिक सत्यापन का कार्य कर रही थीं। इस दौरान 2 जुलाई 2014 को ग्राम नेवरी में किरण पति अशोक कलोता निवासी नेवरी का भौतिक सत्यापन किया गया।
किरण की शादी 6 मई 2011 को हुई थी। उसकी स्कूल की अंकसूची में जन्म दिनांक 5 जनवरी 1998 थी। शादी के वक्त किरण की आयु 13 साल थी। उसे तीन माह का गर्भ था। भौतिक सत्यापन एवं मार्कशीट के आधार पर पता चला कि किरण नाबालिग है। यह बाल विवाह अधिनियम के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। इस आधार पर किरण के पिता देवकरण (50) पिता रंजीत कलोता निवासी ग्राम नेवरी और उसके पति अशोक के पिता मुन्नालाल (50) उर्फ शिवनारायण पिता शंकरलाल निवासी ग्राम काई के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया। शुक्रवार को जेएमएफसी दिनेश मीणा ने आरोपितों को एक-एक साल कठोर कारावास और पांच-पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। गौरतलब है कि सरकारें लगातार बाल विवाह रोकने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन कई जगह चोरी छिपे ऐसे विवाह किए जाते हैं।