ग्वालियर। बिजली वितरण कंपनी में एक बार फिर आर्थिक संकट गहराता दिखा रहा है, हालांकि विभाग इन दिनों जमकर वसूली में लगा है, इसके बावजूद इस माह तीन मार्च तक स्थाई और अस्थाटी अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन नहीं मिला है, जबकि नियमानुसार इनका वेतन महीने के अंतिम रोज इनके बैंक खाते में जमा हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। वहीं अब होली के त्योहार में एक सप्ताह से भी कम समय बाकी है ऐसे में कर्मचारियों को यह डर सता रहा है कि कहीं रंगों का यह त्योहार उनके लिए फीका साबित न हो जाए।
नए एमडी के आते ही आर्थिक संकट मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में हाल ही में मनीष सिंह ने एमडी का पदभार ग्रहण किया है और इसके बाद से ही वह वसूली को लेकर कड़ा रुख अपनाए हुए हैं। उन्होंने ग्वालियर विजिट के दौरान मुख्य फोकस वसूली पर ही रखा था और शहरी व ग्रामीण दोनों ही सर्किल के अधिकारियों को सामने बैठाकर उनकी न सिर्फ जमकर क्लास ली थी, बल्कि यह साफ कर दिया था कि किसी भी हालत में तय समय में वसूली का आंकड़ा पूरा होना चाहिए , यदि ऐसा नहीं हुआ तो फिर कार्रवाई के लिए तैयार रहें। इसके बाद विभाग ने घर-घर जाकर भी दरवाजे खटखटाने शुरु कर दिए हैं, पैसा भी आ रहा है, लेकिन इनका वेतन लटक गया है।
इस बेहद गंभीर मामले को लेकर विभाग के भोपाल में बैठे शीर्ष अधिकारी झूठ का सहारा ले रहे हैं। इनका कहना है कि कंपनी लाभ में है और वेतन कुछ बिलंव से जरूर, लेकिन बांट दिया गया है। वास्तविकता इससे अलग है। अधिकारी, स्थायी, अस्थायी कर्मचारी, संविदा कर्मचारी अपनी पासबुक दिखाकर इस झूठ को साफ कर रहे हैं कि उन्हें वेतन नहीं मिला।