आक्रोशित महिला अतिथि विद्वान अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सामूहिक मुंडन कराएंगी | ATITHI VIDWAN NEWS

भोपाल। सूबे के सरकारी महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य करने वाले महाविद्यालयीन अतिथिविद्वान कांग्रेस सरकार से वचनपत्र अनुसार नियमितीकरण की मांग को लेकर विगत तीन माह से आंदोलन कर रहे हैं किंतु अब तक सरकार ने उनकी समस्याओं का निराकरण नही किया है। 

हाल यह है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह क्षेत्र छिन्दवाड़ा से प्रारम्भ हुई अतिथिविद्वानों की भविष्य बचाओ यात्रा भोपाल स्थित शाहजहांनी पार्क पहुँचकर प्रदेशव्यापी आंदोलन में परिवर्तित हो गई। शाहजाहानी पार्क भोपाल अतिथि विद्वानों का धरनास्थल बन गया जहां पर विगत 92 दिनों से अतिथि विद्वान अपनी मांगों को पूरा करवाने आंदोलन कर रहे हैं। किन्तु सरकार और विभागीय मंत्री जीतू पटवारी अतिथि विद्वानों को केवल चॉइस फिलिंग के नाम पर संतुष्ट करने पर तुले हुए हैं। 

अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा में संयोजक डॉ देवराज सिंह का कहना है कि सरकार ने संवेदनहीनता के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। कईं अतिथिविद्वान नौकरी चले जाने व नियमितीकरण के संबंध में सरकार द्वारा अब तक कोई निर्णय न लिए जाने के कारण अत्यधिक तनाव में असमय काल कवलित हो गए। कांग्रेस सरकार के इन कृत्य के विरोध में महिला अतिथि विद्वानों ने महिला दिवस के अवसर पर सामूहिक केशत्यागने का निर्णय लिया है। 

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकारें आकर देख लें कि मध्यप्रदेश में बेटियों के साथ प्रदेश सरकार किस प्रकार का अत्याचार कर रही है की बेटियों को उनके सम्मान और श्रृंगार के सबसे बड़े प्रतीक अपने केशों का त्याग करना पड़ रहा है। यह सरकार के लिए डूब मरने वाली बात है कि प्रदेश की उच्च शिक्षित बेटियां आज किस प्रकार की भयावह स्थिति में हैं कि उन्हें इस प्रकार का दुखद निर्णय लेना पड़ रहा है। 

पहले भी हो चुकी है इस प्रकार की घटना

अतिथि विद्वान नियमितिकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार महिला अतिथिविद्वानों द्वारा अपने केशत्याग की हदय विदारक घटना कोई नई नही है। विगत 11 फरवरी को भी हमारी एक महिला अतिथिविद्वान साथी बहन डॉ शाहीन खान ने सरकार की इसी शोषणकारी एवं वादाखिलाफी की नीति से दुखी होकर अपने केशत्याग दिये थे। किन्तु प्रदेश की एक उच्च शिक्षित बेटी के इतने बड़े त्याग के बावजूद प्रदेश सरकार अपनी कुम्भकर्णी नींद से नही जागी है। अतः दिनांक 8 मार्च अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हमारी बहनों ने अपने सामूहिक केश त्यागने का निर्णय लिया है। जिससे सम्पूर्ण राष्ट्र ही नही पूरे विश्व को यह संदेश जाए कि कांग्रेस सरकार किस प्रकार खोखले वादे कर जनता को ठगने का कार्य कर रही है।

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