मध्य प्रदेश के 4 लाख पेंशनर को छठवां वेतनमान के एरियर का हाईकोर्ट में फैसला | EMPLOYEE NEWS

भोपाल। जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की एकल पीठ ने मध्य प्रदेश के 400000 पेंशनर्स को छठवें वेतनमान के एरियर के मामले में दाखिल चार याचिकाओं का फैसला सुना दिया है। रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज़ है क्योंकि वह केस जीत गए हैं। हाईकोर्ट ने सरकार की सभी दलीलों को खारिज कर दिया और आदेश दिया कि सरकार सभी पेंशनर्स को छठवें वेतनमान का एरियर का भुगतान करें।

सरकार की सभी दलीलें खारिज कर दी गई

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के साथ पेंशनर्स के 32 माह के बकाया एरियर्स का भुगतान के साथ राज्य के 4 लाख पेंशनर्स को छठा वेतनमान का बकाया एरियर्स मिलने का रास्ता भी साफ हो गया है। न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की एकलपीठ के समक्ष दायर चार अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करते हुए अदालत ने मामले का निराकरण कर दिया है। इस दौरान याचिकाकर्ता पेंशनर्स एसोसिएशन ऑफ मध्य प्रदेश की ओर से एरियर्स के भुगतान को लेकर तमाम दलीलें अदालत के समक्ष रखी गईं। जिसके जवाब में राज्य की ओर से मध्य प्रदेश के पेंशनर्स को 1 जनवरी 2006 से 31 अगस्त 2008 तक 32 माह का एरियर्स न दिए जाने के संबंध में एक के बाद एक कई दलीलें दी गईं। जिनके विरोध में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने साफ किया कि 6th वेतनमान का एरियर्स मिलना पेंशनर्स का हक है। राज्य को यह हक छीनने का रवैया शोभा नहीं देता।

आदेश के बाद भी पेंशनर्स को छठवें वेतनमान का एरियर नहीं दिया गया

2016 से पेंशनर्स अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। राज्य शासन द्वारा राज्य के कर्मचारियों को 6th pay scale का संपूर्ण लाभ किश्तों के रूप में दिया गया लेकिन राज्य के 4 लाख पेंशनर्स को 1 अप्रेल 2008 से भुगतान किए जाने के आदेश के बावजूद पालन नहीं किया गया और पेंशनर्स के साथ सौतेला व्यवहार किया गया। पेंशनर्स की ओर से राज्य शासन से बार-बार अनुरोध किया गया लेकिन उस पर कोई भी सुनवाई नही की गई। लिहाजा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। जहां उनके हक़ में फैसला आया।

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