जबलपुर। अभी तक अधिकारी और कर्मचारियों के तबादले करने के बाद उन्हें रद्द कर दिए जाते थे, लेकिन रेलवे ने एक कदम आगे बढ़कर कर्मचारियों की पदोन्नति का आदेश जारी करने के दो दिन के भीतर उसे रद्द कर दिया है। मामला जबलपुर रेल मंडल के कमर्शियल विभाग का है, जिसमें विभाग के 10 कर्मचारियों को 28 फरवरी दिन शुक्रवार को पदोन्नति दी गई। शनिवार-रविवार को अवकाश होने के कारण सोमवार को मंडल के पर्सनल विभाग ने आनन-फानन में 10 कर्मचारियों में से 4 की पदोन्नति वापस लेने के आदेश जारी कर दिए गए। अपनी इस गलती को छुपाने की वजह पद न होना बताया गया है।
कर्मचारियों की खुशी, मायूसी में बदली
पर्सनल विभाग के आदेश को 28 फरवरी को जारी किया गया, जिसमें कमर्शियल विभाग के 10 कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई। वहीं 2 मार्च को शुद्घि पत्र जारी किया, जिसमें नरेन्द्र सिंह राठौर, अमित कुमार सोनकर, राजेश कुमार नागवंशी, चितरंजन दुबे की पदोन्नति में संशोधन किया और इनकी पदोन्नति न करने के आदेश जारी करते हुए कहा कि रिक्त पद होने पर इन्हें पदोन्नति दी जाएगी।
दोनों आदेश वाट्सअप पर वायरल
जबलपुर रेल मंडल के पर्सनल विभाग में स्थानांतरण, पदोन्नति का जमकर खेल हो रहा है। विभाग पर पैसे लेकर स्थानांतरण या पदोन्नति करने के आरोप लगते रहे हैं। अब यह मामला सामने आने के बाद विभाग की मंशा, जबलपुर मंडल के डीआरएम से लेकर पश्चिम मध्य रेलवे जोन के जीएम के सामने आ गई है। पदोन्नति देने और इसे वापस लेने का आदेश सोमवार को वाट्सअप पर जमकर वायरल हुआ। मामला सामने आते ही रेलवे की विजिलेंस टीम भी सक्रिय हो गई और जानकारी एकत्रित करने में जुट गई।