व्यापारिक प्रतिष्ठानों के नाम के पहले मैसर्स क्यों लिखा जाता है, यहां पढ़िए - GK IN HINDI

आपने अक्सर देखा हुआ कई व्यापारिक प्रतिष्ठानों के नाम के पहले "मैसर्स" लिखा होता है जबकि कुछ व्यवसायिक संस्थानों के नाम के सामने "मैसर्स" नहीं लिखा होता है। सवाल यह है कि किस तरह के व्यापारिक नामों की पहले "मैसर्स" शब्द का उपयोग किया जाता है। और इस शब्द ("मैसर्स") का उपयोग क्यों किया जाता है। आइए सरल शब्दों में समझते हैं:

सबसे पहले समझिए, मैसर्स शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई

मैसर्स शब्द की उत्पत्ति फ्रांस से हुई है। फ्रेंच भाषा में एक शब्द है Monsieur. भारतीय अंग्रेजी में इसका ट्रांसलेशन मिस्टर (Mister) होता है यानी एक सम्मान सूचक शब्द जो किसी व्यक्ति के लिए लगाया जाता है। फ्रेंच भाषा के Monsieur का बहुवचन हुआ Messieurs और इसी का नया रूप है Messrs (मैसर्स)।

किस तरह के व्यापारिक नामों के आगे मैसर्स लगाना चाहिए

केवल भारत में ही नहीं बल्कि सारी दुनिया में कुछ खास किस्म के व्यापारिक प्रतिष्ठानों के नाम के पहले मैसर्स लिखा जाता है। जैसा कि आप समझ चुके हैं कि यह एक सम्मान सूचक शब्द है। आप यह भी समझ चुके हैं कि यह बहुवचन है यानी एक से अधिक व्यक्तियों के लिए सम्मान सूचक शब्द। ऐसे व्यापारिक प्रतिष्ठान जिनका संचालन एक से अधिक व्यक्ति करते हैं और जिनके नाम में व्यक्तियों के नाम शामिल होते हैं, उन प्रतिष्ठानों के नाम के पहले मैसर्स शब्द का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए " मैसर्स दुलीचंद एंड ब्रदर्स" या फिर " मैसर्स कांजीलाल रामजीलाल ट्रेडर्स"। इस तरह के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों के नाम में उनके संचालकों के नाम या फिर नाम के पहले अक्षर शामिल होते हैं।

क्या सभी पार्टनरशिप फर्म के नाम के आगे मैसर्स लगाया जाता है

नहीं सभी पार्टनरशिप फर्म के नाम के आगे मैसर्स नहीं लगाया जाता। यदि व्यापारिक प्रतिष्ठान का नाम ' टॉप एंड टाउन' या फिर 'लिबास: द रेडीमेड शोरूम' या फिर 'श्रीमती साड़ी' या इस तरह के नाम है तो उनके पहले मैसर्स नहीं लगाया जाता। इसलिए नहीं लगाया जाता क्योंकि भले ही फर्म पार्टनरशिप में है लेकिन फॉर्म के नाम में दो या दो से अधिक व्यक्तियों के नाम या उनके नाम के पहले अक्षर शामिल नहीं है।

कुल मिलाकर आप समझ गए होंगे। यदि किसी व्यवसायिक प्रतिष्ठान के नाम में दो या दो से अधिक व्यक्तियों के नाम या नाम के पहले अक्षर से मिले तो 'मैसर्स' लगाया जाता है। यदि ऐसा नहीं है तो फिर उस प्रतिष्ठान के नाम के पहले 'मैसर्स' नहीं लिखा जाता।
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