EPFO NEWS: 9 लाख कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड अकाउंट ब्लॉक

नई दिल्ली। भारत के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने देशभर के करीब 9 लाख कर्मचारियों प्रोविडेंट फंड अकाउंट ब्लॉक कर दिया है। दरअसल यह सभी 9 लाख अकाउंट फर्जी पाए गए हैं। प्राइवेट कंपनियों ने इनके जरिए प्रधानमंत्री रोजगार योजना का फायदा उठाया है। यह एक बड़ा घोटाला है। इसे PMRY PF घोटाला कहा जा सकता है।

सरकार ने लगभग 80,000 कंपनियों का पता लगाया है, जिन्होंने फॉर्मल सेक्टर में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए केंद्र की एक फ्लैगशिप योजना के तहत अवैध तरीके से 300 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रोत्साहन (Financial Incentives) का फायदा उठाया है। बिजनेस स्टैंडर्ड के एक समाचार के अनुसार प्रधानमंत्री रोजगार योजना (Pradhan Mantri Rojgar Protsahan Yojana- PMRPY) के 9 लाख लाभार्थियों को इस योजना के लिए अयोग्य पाया गया है। क्योंकि वो इस स्कीम के लागू होने के पहले से ही फॉर्मल सेक्टर का हिस्सा थे, यानी कि वो पहले से ही PF का फायदा उठा रहे थे। 

रिपोर्ट के मुताबिक, EPFO ने इन कर्मचारियों का प्रॉविडेंट फंड अकाउंट ब्लॉक कर दिया है। वहीं संगठन ने इन कंपनियों से अब तक 222 करोड़ रुपये रिकवर भी किया है। इन लाभार्थियों की संख्या EPFO के पेरोल डेटाबेस में शामिल थी, जिसे सरकार फॉर्मल सेक्टर में पैदा हुए रोजगार के तौर पर दिखाती है। 

प्रधानमंत्री रोजगार योजना कब शुरू हुई थी

सरकार ने रोजगार पैदा करने पर कंपनियों को इंसेंटिव देने की PMRPY योजना 2016 में शुरू की थी। इस स्कीम के तहत 1 अप्रैल, 2016 को या उसके बाद 15,000 से ज्यादा प्रति महीने की सैलरी पर रखे गए नए कर्मचारी के EPF और EPS (Employees Pension Scheme) का कुल 12 फीसदी का खर्च (जो योगदान कंपनी देती है) सरकार उठाती है।

प्रधानमंत्री रोजगार योजना पीएफ घोटाला क्या है

इस स्कीम के तहत सरकार का लक्ष्य नए रोजगार पैदा करना और रोजगार पैदा कर रही कंपनियों को इंसेंटिव (प्रोत्साहन राशि के तौर पर) देना है। रोजगार पाने वालों को इस स्कीम के तहत सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट्स भी मिलते हैं। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय यह स्कीम EPFO के जरिए चलाता है। जनवरी 2019 में सरकार ने कहा था कि इस स्कीम का लाभ उठाने वाले कर्मचारियों की संख्या 1 करोड़ पार कर गई है।

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