बिजली कंपनी में कर्मचारियों को प्रतिदिन 11:30 घंटे काम करने का आदेश | MP NEWS

ग्वालियर। भारत के श्रम कानूनों के अनुसार कोई भी सरकारी या प्राइवेट नियोक्ता अपने कर्मचारी से दिन में 8 घंटे से अधिक काम नहीं ले सकता। इस 8 घंटे की अवधि में भी कर्मचारी को आधा घंटा लंच ब्रेक का अधिकार है लेकिन बिजली कंपनी में सिटी सेंटर जोन के सहायक यंत्री ने अपने अधिनस्थ कर्मचारियों को प्रतिदिन 11:30 घंटे काम करने का आदेश थमा दिया है। धमकी दी गई है कि आदेश का पालन नहीं करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। 

बीते शनिवार को बिजली वितरण कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष सिंह ग्वालियर आए थे। यहां उन्होंने राजस्व वसूली से लेकर बिजली से जुड़े तमाम मामलों पर ठीक से काम नहीं किए जाने को लेकर अधिकारियों की क्लास लेते हुए फटकार तक लगाई थी, यही नहीं उन्होंने अफसरों की नीयत पर भी शक जाहिर करते हुए साफ कह दिया था कि जब बिजली की खपत भरपूर है तो फिर वसूली में हम फिसड्डी क्यों हैं। यही नहीं जाने से पहले वह साफ हिदायत भी दे गए थे, कि इस तरह नहीं चलेगा, जो भी लेतलाली बरतेगा उस पर कार्रवाई होगी। इतना ही नहीं मौके पर ही महाप्रबंधक शहर वृत्त को भी चलता कर दूसरे अधिकारी को इस पद पर बैठा गए। यहीं से अन्य अफसरों के पसीने छूट गए और अब वह अपनी-अपनी सीट बचाने में लगे हैं। 

सभी कर्मचारियों की ड्यूटी वसूली में लगा दी

एमडी के इस आदेश के बाद सबसे अधिक असर सिटीसेंटर जोन के सहायक यंत्री पर दिखाई दिया है, जिन्होंने अपनी वाहवाही के लिए मातहतों को काम में झोंक दिया है। इनके द्वारा बाकायदा कार्यालयीन आदेश निकालते हुए कहा गया है कि एमडी के निर्देशानुसार समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों (केपीओ एवं अकुशल श्रमिक) की ड्यूटी 31 मार्च तक वसूली के लिए लगाई जा रही है, जिसके चलते सभी को निर्देशित किया जाता है कि वह सुबह आठ बजे से रात साढ़े सात बजे तक अनिवार्य रूप से कार्यस्थल पर मौजूद रहें और प्रतिदिन की रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!