हरदा। RELIANCE RETAIL LIMITED द्वारा संचालित रिलायंस फ्रेश को उपभोक्ता फोरम ने सेवा में कमी का दोषी पाया है। कंजूमर फोरम ने रिलायंस फ्रेश पर ₹227000 का जुर्माना लगाया है। इसमें से ₹200000 सरकारी अस्पताल में जमा कराने होंगे और शेष पैसा उपभोक्ता को देना है।
संकल्प अपार्टमेंट निवासी विकास जुनेजा ने प्रबंधक रिलायंस स्मार्ट रिलायंस रिटेल लि. जीपी मॉल प्रथम तल हरदा व निदेशक एवं प्रबंधक रिलायंस रिटेल लि. तृतीय तल कोर्ट, हाउस लोकमान्य तिलक मार्ग धोबी तलाब मुंबई के खिलाफ 16 जून 19 को परिवाद लगाया था। जुनेजा ने बताया कि नया स्टोर खुलने पर दाम में भारी छूट का विज्ञापन देखकर 31 मार्च 19 को रिलायंस स्टोर से कुल 1895 रुपए की खरीदी की।
इसमें एक के साथ एक खरीदी के विज्ञापन के जरिए छूट पर ऑलमंड ड्राप ऑइल व अन्य वस्तु खरीदी। जुनेजा ने ऑइल खरीदा तो स्टोर संचालक ने 549 रुपए वसूल लिए। वहीं सामान रखने के कैरी बैग का चार्ज 6 रुपए अलग से लिया। जब घर जाकर परिवादी जुनेजा ने मिलान किया तो ऑइल पर 525 रुपए प्रिंट था, जबकि रिलायंस स्टोर ने 549 रुपए यानि 30 रुपए ज्यादा वसूले।
जुनेजा ने मानसिक पीड़ा के लिए 1 लाख रुपए, वाद व्यय एक लाख रुपए दिलाने परिवाद लगाया। फोरम ने सुनवाई में पेश तथ्यों में पाया कि ऑइल पर 525 रुपए प्रिंट थे, इसके बजाय 549 रुपए लिए गए। सामान ले जाने के लिए दिए कैरी बैग पर भी कंपनी का नाम व प्रचार था, फिर भी 6 रुपए वसूलना अनुचित व्यापार प्रथा को बढ़ावा देता है। ऐसा देशभर में हो रहा है, जिससे रोजाना लाखों रुपए की ठगी हो रही है।
परिवादी के वकील अनिल जाट ने बताया कि तथ्य व परिस्थितियों को देखते हुए उपभोक्ता संरक्षण एक्ट 1986 के अनुसार उपभोक्ताओं के हितों का हनन करने व मनमाने ढंग से कर्तव्यों का उल्लंघन करने के ऐसे मामलों में प्रलोभन की आड़ में लाखों उपभोक्ताओं से रोज ही ठगी कर भारी आर्थिक क्षति पहुंचाई जाती है। इनकी रोकथाम के लिए दंड जरूरी है।
फोरम अध्यक्ष कनकलता सोनकर ने रिलायंस मॉल को 2 लाख रुपए जिला अस्पताल में रोगी कल्याण समिति को रोगियों के कल्याण के लिए देने के आदेश दिए। मानसिक पीड़ा के लिए 25 हजार व वाद व्यय 2 हजार रुपए चुकाने के आदेश दिए। 30 दिन में राशि न देने पर 12 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज देने के भी आदेश दिए।