MPPSC विवाद शांत करने व परीक्षा नियंत्रक को हटाया, नया विवाद शुरू | MP NEWS

इंदौर। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा में भील जनजाति से जुड़े आपत्तिजनक सवालों को हटाने के बाद परीक्षा नियंत्रक डॉ सुशांत पुणेकर को हटा दिया है। डॉक्टर पुणेकर का अटैचमेंट समाप्त करके उन्हें मूल विभाग में वापस भेजा गया है। लोक सेवा आयोग के इस फैसले पर सवाल उठने लगे हैं। सवाल इसलिए क्योंकि किसी भी जिम्मेदार के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है। किसी कर्मचारी का अटैचमेंट समाप्त करना दंड की श्रेणी में नहीं आता। 

परीक्षा नियंत्रक के हटाए जाने पर भी विवाद

उप परीक्षा नियंत्रक डॉ. सुशांत पुणेकर को हटाने के तरीके पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। हटाए गए अधिकारी की पदस्थापना SET यानी राज्य पात्रता परीक्षा प्रकोष्ठ में थी, लेकिन राज्यसेवा मामले के विवाद के बाद उन्हें हटाया गया। पीएससी ने तीन दिन पहले बिना कोई शोर के डॉ. पुणेकर को कार्यमुक्त करने का आदेश जारी किया। इसमें कहा गया कि परीक्षा होने के बाद उनके लिए कोई कार्य नहीं बचा, लिहाजा उन्हें रिलीव किया जाता है। 

गड़बड़ी लोक सेवा आयोग के वरिष्ठ स्तर से हुई है

मध्य प्रदेश में दो दशक के अंतराल के बाद राज्य पात्रता परीक्षा (SET) का आयोजन शुरू हुआ है। कॉलेज शिक्षकों के लिए यह पात्रता परीक्षा कराने की जवाबदारी UGC की सहमति से PSC को दी गई थी। परीक्षा के लिए MP PSC में एक अलग से सेल बनाया गया था, जिसका काम सिर्फ SET का आयोजन कराना होता है। SET CELL सीधे तौर पर पीएससी का अंग नहीं होता है, लिहाजा इसमें नियुक्त अधिकारियों का वेतन भी उच्च शिक्षा विभाग से जारी होता है, न कि पीएससी के खातों से। बीते दिनों पीएससी ने अपनी मर्जी से सेट के परीक्षा अधिकारियों को राज्यसेवा परीक्षा में तैनात कर उनसे इस परीक्षा का काम लिया। पीएससी में परीक्षा नियंत्रक का पद एक अधिकारी की मौत के बाद कई महीने से खाली है। ऐसे में परीक्षा नियंत्रक की जिम्मेदारी भी प्रभारी के तौर पर एक अन्य उप परीक्षा नियंत्रक को दी गई है।

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