भोपाल। 39 दिनों से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नियमितीकरण की मांग को लेकर धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों का मामला विधानसभा में गूंजा। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इस मुद्दे को उठाया। विधायक नरोत्तम मिश्रा और विश्वास सारंग ने गोपाल भार्गव का साथ दिया। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कहना था कि उच्च शिक्षा विभाग में 8000 पद रिक्त थे तो फिर 5000 अतिथि विद्वानों को नियमित क्यों नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री कमलनाथ चुप रहे, कोई जवाब नहीं दिया
भाजपा विधायकों का दल मुख्यमंत्री कमलनाथ से इस मामले में ठोस जवाब चाहता था लेकिन सीएम कमलनाथ चुप रहे। उन्होंने इस मामले में कोई बयान नहीं दिया। उन्होंने यह नहीं कहा कि घोषणापत्र में किए गए वचन हर हाल में पूरे किए जाएंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने जवाब दिया
मुख्यमंत्री कमलनाथ के चुप रहने के कारण जब हंगामा बढ़ने लगा उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने मामले को टालने की कोशिश की। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष गोपालवार कहा कि इस मामले को लेकर मैं आपसे आकर मिलता हूं या फिर आप मुझसे मिल लीजिए। दोनों मिलकर बातचीत करेंगे और मैं आपको समझा लूंगा। इसके बाद भी जब हंगामा शांत नहीं हुआ तो जीतू पटवारी ने कहा कि हम दिनांक 20 से 25 के बीच में अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण की प्रक्रिया का मामला पूरा करवा लेंगे।