घर में महिला का शव रखा था, कलेक्टर का बुलडोजर चलवा दिया: आरोप | MP NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश के कटनी जिले के कलेक्टर शशि भूषण सिंह पर आरोप है कि उनके नेतृत्व में चल रहा ऑपरेशन क्लीन अभियान मानवता की सभी हदें लांच हुआ है। कटनी के स्थानीय पत्रकारों की रिपोर्ट बताती है कि भू माफिया के महल जविरोस करने के लिए स्टार्ट किया गया कलेक्टर का बुलडोजर ठिठुरती ठंड में गरीबों के आशियाने के ऊपर चल गया। आरोप तो यह भी है कि एक घर में वृद्ध महिला का शव रखा था। कलेक्टर द्वारा तैनात किए गए अधिकारियों ने शोक मग्न परिवार पर भी रहम नहीं किया। घर तोड़ दिया गया। घटनाक्रम बीते शनिवार को कटनी जिले के स्लीमनाबाद में घटित हुआ।

घर में शव रखा था, प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया: NDTV इंडिया की रिपोर्ट

एनडीटीवी इंडिया के रिपोर्टर अनुराग द्वारी ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि ठिठुरन भरी ठण्ड में कुछ गरीब परिवारों को कटनी जिला प्रशासन ने पहले बेघर कर दिया है। पेड़ के नीचे खुले आसमान में रात गुजार रहे इन लोंगो का हम हाल जान रहे थे तभी हमारी मुलाकात शकुन बाई चौधरी से हुई तो रौंगटे खड़े कर देने वाला सच सामने आया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस दिन प्रशासन घर तोड़ने पहुंचा था उस दिन उनकी सास का निधन हो गया था और शव घर पर ही रखा था। हमने अधिकारियों की बार-बार मिन्नते कीं, लेकिन बावजूद इसके कोई सुनवाई नहीं हुई। निर्दय और निष्ठुर प्रशासन ने अंतिम संस्कार तक का मौका नही दिया और मकान तोड़ दिया। कड़ाके की ठंड में एक परिवार के लोग पेड़ के नीचे आग जलाकर रात काटते दिखाई दिए। इन लोगों के सिर से छत तो गई साथ ही खाने के भी लाले पड़े हुए हैं। मासूम बच्चों की आंखे टकटकी लगाकर मदद का  इंतजार कर रही है।

कलेक्टर ने कहा: 2 दिन की मोहलत दी थी, कार्रवाई के समय घर में कोई डेड बॉडी नहीं थी

कटनी के कलेक्टर शशिभूषण सिंह ने इन आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि घर में शव रखे होने की बात झूठी है। महिला की मौत 10 दिन पहले हुई थी और इन लोगों को दो दिन का समय भी दिया गया था घर खाली करने के लिए। डीएम ने कहा कि अस्पताल परिसर के अंदर इन लोगों ने अतिक्रमण कर रखा था और अस्पताल प्रशासन के कहने पर 28 दिसंबर को कार्रवाई की गई और उसी दिन दो दिन की मोहलत उस परिवार को दी गई थी इसके बाद उन लोगों ने खुद ही अतिक्रमण हटा लिया लेकिन इसके बाद मीडिया में इस तरह की बात की। डीएम ने जोर देकर कहा कि यह कहना कि घर में डेड बॉडी रखी हुई थी और प्रशासन ने अमनवीय तरीके से कार्रवाई की है, यह आरोप पूरी तरह से गलत है। 

कलेक्टर का बयान सही माने तब भी कार्रवाई गलत है 

इस मामले में यदि कलेक्टर श्री शशि भूषण सिंह का बयान सही मान लिया जाए तब भी यह कार्रवाई गलत है। किसी भी जिले का कलेक्टर या राज्य की पूरी सरकार एक राय होकर भी किसी गरीब को इस तरह बेदखल नहीं कर सकती। भारत के हर नागरिक को मौसम की मार से बचाना सरकार का संवैधानिक दायित्व है। यदि कुछ गरीबों ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके घर बना लिए थे तो उनके विस्थापन का प्रबंध किया जाना चाहिए था। प्रधानमंत्री आवास योजना ऐसे ही लोगों के लिए है। यदि इस तरह का अतिक्रमण तोड़ना अति आवश्यक हो तब भी बेघर होने वाले गरीब लोगों को रेन बसेरा या ऐसे ही किसी दूसरे विकल्प का प्रबंध किया जाना चाहिए था। उन्हें पेड़ के नीचे ठंड में मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। धार्मिक परंपराओं की बात करें तो किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद त्रयोदशी तक उस परिवार में शुभ माना जाता है। इन 13 दिनों की अवधि के दौरान शोक मग्न परिवार पर कार्यवाही नहीं की जाती। अंतिम संस्कार के तीसरे दिन उठावना होता है। यह 3 दिन बेहद संवेदनशील होते हैं। कलेक्टर श्री शशि भूषण सिंह के बयान के अनुसार शिकायतकर्ता परिवार को सिर्फ 2 दिन दिए गए थे। धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार यह गलत माना जाएगा।

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