ग्वालियर। एक ओर जहां नगर निगम द्वारा तमाम योजनाओं के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद योजनाएं फलीभूत नहीं हो रही हैं, वहीं निगम के आउटसोर्स कर्मचारियों को बीते तीन माह से वेतन न मिलने के कारण उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है, ऐसे में एक बार फिर यह कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल का रास्ता अपना सकते हैं। यही नहीं इन कर्मचारियों द्वारा वेतन की मांग किए जाने पर इन्हें नौकरी से हटा देने की धमकी दी जा रही है।
नगर निगम में विभागीय कर्मचारियों से कहीं अधिक संख्या आउटसोर्स कर्मचारियों की है। इनमें सफाई कर्मचारी से लेकर भृत्य, ड्राइवर, गार्ड सहित कई पद के लोग शामिल हैं। इन्हें भर्ती तो कर लिया गया है, लेकिन होता यह है कि इन्हें साल में कई बार कई माह तक वेतन नहीं दिया जाता, जब बात बिगड़ती है तो फिर एक माह का वेतन दे दिया जाता है, इसके बाद फिर दो से तीन माह तक वेतन के लिए लटका दिया जाता है। इसकी शिकायत भी अधिकारियों से की गई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। जिस पर अब कर्मचारी लामबंद हो रहे हैं। इसका सीधा असर शहर में चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान पर पड़ सकता है, चार फरवरी से पहले कभी भी स्वच्छता दल शहर में निरीक्षण के लिए आ सकता है।
अधिकारियों की मिलीभगत भी कारण आउटसोर्स के रूप में काम रहे कर्मचारियों का कहना है कि अथिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते हर कुछ माह बाद वेतन का संकट पैदा कर दिया जाता है, जब अधिकारी यह कह रहे हैं कि हर माह ठेकेदार को रकम का भुगतान किया जा रहा है, लेकिन वह वेतन नहीं बांट रहा तो उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही। कर्मचारियों का यह भी कहना है कि अब तो हालात यह हैं कि उनके सामने राशन तक का संकट पैदा होने लगा है ऐसे में हड़ताल के अलावा और कोई विकल्प नहीं। दीपावली के मौके पर भी हालात ऐसे ही बने थे, जबकि तीन माह लगातार वेतन न मिलने के कारण आउटसोर्स सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे।