भारत सहित दुनिया के कई सारे देशों में कृषि पर टैक्स नहीं लगता। सब्जियां कृषि उत्पाद में ही आती है। सब्जियों का उत्पादन वाले किसानों को सरकारें कई तरह की मदद करती हैं लेकिन एक सब्जी है जिसका उत्पादन करने वाले किसान को सरकार मदद नहीं करती बल्कि टैक्स लेती है क्योंकि उसकी सब्जी दुनिया की सबसे महंगी सब्जी है। जी हां, उसकी सब्जी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 1000 प्रति यूरो के दाम से बिकती है। यदि वर्तमान में भारतीय मुद्रा में इसका परिवर्तन करें तो यह ₹80000 प्रति किलो होगी। सबसे पहले इंग्लैंड में इस सब्जी पर टैक्स लगा है गया। अब दुनिया के बहुत सारे देश किस पर टैक्स लगाते हैं। भारत में इसका उत्पादन काफी कम है।
हॉप शूट्स: एक सब्जी जो कभी बाजार में नहीं बिकता | एक सब्जी जिससे बीयर बनाई जाती है
यह ऐसी सब्जी है जो आपको शायद ही किसी स्टोर पर या बाजार में दिखे। इसका कारण यह है कि इसकी खेती बीयर में इस्तेमाल करने के लिए की जाती है। इसका जो फूल होता है उसे 'हॉप कोन्स' कहते हैं। उस फूल का इस्तेमाल बीयर में किया जाता है। बाकी उसकी टहनी को कई तरह से खाया जा सकता है।
हॉप शूट्स: एक ऐसी सब्जी जिससे बीयर का का स्वाद बढ़ जाता है
करीब 800 ईस्वी के आसपास इसके गुण का पता चला कि बीयर का स्वाद इसके मिलाने से बेहतर हो जाता है। सबसे पहले उत्तरी जर्मनी के किसानों ने बीयर का स्वाद बढ़ाने के लिए इसकी खेती शुरू की। उन दिनों बीयर बनाने के लिए कई कड़वे खरपतवारों और दलदली क्षेत्र में पैदा होने वाले पौधों का इस्तेमाल किया जाता था। उन पर टैक्स भी लगता था। 1710 में इंग्लैंड की पार्लियामेंट ने हॉप्स पर टैक्स लगाया। यह भी अनिवार्य कर दिया गया कि सभी बीयर बनाने में हॉप का ही इस्तेमाल हो। तब से अब तक बीयर का स्वाद बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
हॉप शूट्स: एंटीबायोटिक है, दांतों का दर्द दूर होता है, ट्यूबरक्लोसिस का इलाज होता है
हॉप का इस्तेमाल जड़ी-बूटी के तौर पर भी किया जाता है। सदियों से इसका इस्तेमाल दांत के दर्द को दूर करने से लेकर टीबी के इलाज तक में होता रहा है। हॉप में ऐंटीबायॉटिक की प्रॉपर्टी पाई जाती है। इसको कच्चा भी खाया जा सकता है। लेकिन काफी कड़वा होता है। हॉप की टहनियों का इस्तेमाल प्याज की तरह सलाद में भी किया जा सकता है। इसको आप ग्रिल करके भी खा सकते हैं या फिर इसका आचार भी बना सकते हैं।
हॉप शूट्स का उत्पादन कब और किस मौसम में किया जा सकता है
वैसे तो यह सदाबहार सब्जी है जो साल भर उगाई जा सकती है। लेकिन ठंडी के मौसम को इसके लिए ठीक नहीं माना जाता है। मार्च से लेकर जून तक इसकी खेती के लिए आदर्श समय माना जाता है। इसके लिए नमी और सूर्य के प्रकाश की जरूरत होती है। इस माहौल में इसका पौधा तेजी से बढ़ता है और एक दिन में इसकी टहनियां 6 ईंच तक बढ़ जाती हैं। शुरुआत में इसकी टहनियां बैंगनी रंग की होती हैं लेकिन बाद में हरी हो जाती हैं।
Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article