इंदौर। मध्य प्रदेश के बालाघाट, मंदसौर एवं नीमच में पदस्थ रहते हुए लोक निर्माण विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर शीतल प्रसाद पटेल के पास से मिली आय से अधिक संपत्ति को राजसात करने के आदेश जारी किए गए हैं।
जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि शीतल प्रसाद पटेल पिता गोकुलसिंह पटेल सहायक यंत्री (लोक सेवक) लोक निर्माण विभाग नीमच निवासी 149 शांतनु विहार कॉलोनी मिड इंडिया के पीछे रेल्वे स्टेशन के पास मंदसौर, मूल रूप से जबलपुर का रहने वाला है। शीतल प्रसाद पटेल सहायक यंत्री ने दिनांक 23/03/1983 से लोक निर्माण विभाग में उपयंत्री के पद पर सेवा प्रारंभ की थी। अपनी सेवाकाल के दौरान मंदसौर, नीमच, बालाघाट व पुन: नीमच पदस्थ रहा। अपनी पदोन्नति सहायक यंत्री के पद पर दिनांक 22/04/1991 को होने के उपरांत योजनाबद्ध तरीके से भ्रष्टाचार अपने व अपने परिवार के नाम से आय के ज्ञात स्त्रोतो से अधिक की अनुपातहीन संपत्ति एकत्र की गई।
अभियोजन की कहानी इस प्रकार है कि शीतल प्रसाद पटेल सहायक यंत्री के विरूद्ध आय से अधिक अनुपातहीन संपत्ति भ्रष्टाचार कर एकत्रित करने की सूचना प्राप्त हुई थी, जिस पर से विधिवत विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन द्वारा माननीय न्यायालय से सर्च वारंट प्राप्त कर दिनाकं 15/12/2011 को छापे की कार्यवाही की गई और अपराध क्र. 147/11, धारा 13(1)ई, 13(2) पीसी एक्ट 1988 का पंजीबद्ध हुआ और दिनांक 15.12.2011 को शीतल प्रसाद पटेल के यहां तलाशी ली गई और काफी मात्रा में चल-अचल संपत्ति प्राप्त हुई।
प्रभावित व्यक्ति शीतल प्रसाद एवं पत्नी के नाम की चल-अचल संपत्ति को राजसात करने हेतु म.प्र. विशेष न्यायालय 2011 के अंतर्गत आवेदन विशेष न्यायाधीश एवं प्राधिकृत अधिकारी क्र.1 इंदौर के न्यायालय में 26/12/2014 को आवेदन पेश किया गया। संपत्ति राजसात कराने में शासन का पक्ष विशेष लोक अभियोजक इंदौर महेन्द्र कुमार चतुर्वेदी द्वारा पुरजोर तरीके से न्यायालय के समक्ष रखा गया। उक्त आवेदन की सुनवाई कर विशेष न्यायाधीश एवं प्राधिकृत अधिकारी क्र.1 इंदौर के न्यायालय के प्राधिकृत अधिकारी मा. श्रीमान पी.सी. आर्य ने आज दिनांक 30.01.2020 को आदेश पारित किया। जिसमें शीतल प्रसाद पटेल प्रभावित व्यक्तिगण आदि की कुल राशि 66,62,550/- रूपये की चल-अचल संपत्ति अधिहरण योग्य पाते हुए, अधिहरित का आदेश पारित किया। यहां यह उल्लेखनीय है कि श्री महेन्द्र कुमार चतुर्वेदी 12 प्रकरणों में संपत्ति अधिहरित कराने में पूर्व में सफलता प्राप्त कर चुके है।