नई दिल्ली। DTC के करीब 15 संविदा कर्मचारियों ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नामांकन दाखिल किया है। इन कर्मचारियों का उद्देश्य विधानसभा का चुनाव जीतना नहीं है बल्कि गली-गली जाकर अरविंद केजरीवाल की पोल खोलना है। नामांकन दाखिल करने के बाद बतौर विधानसभा प्रत्याशी उन्हें जनसंपर्क और सवाल करने की अनुमति मिल जाएगी।
नामांकन में केजरीवाल से आगे थे ये लोग
मंगलवार को नामांकन दाखिल करने पहुंचे सीएम केजरीवाल टोकन नंबर-45 के साथ अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे थे। केजरीवाल से आगे थे, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के कम से कम 10 पूर्व संविदा कर्मचारी, लगभग 5 कैब चालक, 2011 में इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन में भाग लेने वाले कम से कम 4 सामाजिक कार्यकर्ता और एक राष्ट्रीय स्तर का हॉकी प्लेयर, जिन्होंने फिल्म चक दे इंडिया में कैमियो निभाया था।
केजरीवाल को हराने का एकमात्र मौका
केजरीवाल से पहले अपना नामांकन दाखिल करने वाले मनोज शर्मा ने बताया मैं डीटीसी संविदा कर्मचारियों के एक समूह का हिस्सा था, जिसने 2018 में केजरीवाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, सभी संविदा कर्मियों के लिए समान वेतन की मांग की थी, जिसके लिए हमें बर्खास्त कर दिया गया था। राजनीतिक क्षेत्र में केजरीवाल को हराने का एकमात्र मौका है।
एथलीट शैलेंद्र ने दाखिल किया नामांकन
अंजान आदमी पार्टी के सदस्य राष्ट्रीय स्तर के एथलीट शैलेंद्र सिंह शाल्ली ने कहा हम चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि हम स्वराज लाने में सक्षम हैं और अरविंद केजरीवाल की तुलना में क्रांतिकारी राजनीति में लगे हैं। बता दें, 2009 में शैलेंद्र सिंह शाल्ली दिल्ली के मंदिर मार्ग पर बीच सड़क पर आग लगी बस में फंसे यात्रियों को बचाकर सुर्खियों में आए थे।