भोपाल। मध्यप्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा के कुछ अधिकारियों ने आफत मचा रखी है। एक तहसीलदार को कुर्सी पर बैठकर राजनीति करना है तो एक अपर कलेक्टर देश की चिंता में दुबले हुए जा रहे हैं। अब इस लिस्ट में एक और नया नाम जुड़ गया है और वह है श्री संदीप अस्थाना अनुविभागीय दंडाधिकारी राजगढ़। इनके अनुसार दिनांक 20 दिसंबर 2019 को भोपाल में कानून और व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो गई थी, कर्फ्यू लग गया था।
अनुविभागीय दंडाधिकारी राजगढ़ मध्य प्रदेश ने 21 दिसंबर 2019 को राजगढ़ में होने जा रहे नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अनुमति यह बताते हुए निरस्त कर दी कि 20 दिसंबर 2019 को भोपाल में कानून और व्यवस्था की स्थिति निर्मित हुई, कर्फ्यू लगाना पड़ा। ऐसा राजगढ़ में भी हो सकता है इसलिए 21 तारीख को होने वाले प्रदर्शन की अनुमति निरस्त की जाती है।
अफवाह फैला रहे हैं प्रशासनिक अधिकारी
एसडीएम राजगढ़ का पत्र क्रमांक 2658/ स्टेनो/ 2019 इस बात का प्रमाण है कि प्रशासनिक अधिकारियों का कोई समूह मध्यप्रदेश में अफवाहें फैला रहा है। दिनांक 20 दिसंबर 2019 को भोपाल में ना तो पुलिस को एक लाठी उठानी पड़ी और ना ही कानून और व्यवस्था की स्थिति निर्मित हुई। धारा 144 भोपाल की परंपरा में शामिल है। कर्फ्यू का प्रश्न ही उपस्थित नहीं हुआ। भोपाल कलेक्टर के लिए यह अनुभव नया था इसलिए उन्होंने आधे दिन के लिए इंटरनेट बंद कर दिया था। इसके अलावा कहीं कुछ नहीं हुआ लेकिन आसपास के जिलों में यह सूचना किसने भेजी कि भोपाल में कानून और व्यवस्था की स्थिति निर्मित हुई तथा कर्फ्यू लगाया गया।
कड़ी कार्रवाई होना चाहिए, योग्यता पर प्रश्नचिन्ह
राज्य प्रशासनिक सेवा के इस तरह के अधिकारी जो आप वहां पर यकीन करके कार्रवाई करते हो, अनुविभागीय दंडाधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नहीं होने चाहिए। पत्र क्रमांक 2658/ स्टेनो/ 2019 हस्ताक्षर करता अधिकारी की योग्यता पर प्रश्नचिन्ह है। इस तरह के अधिकारी माहौल में तनाव पैदा करते हैं। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना चाहिए।