भोपाल। लो जी गजब हो गया, पहले सरकार को उसकी गलती बताओ तो शाबाशी मिलती थी, अब पैसे वसूले जा रहे हैं। यह कारनामा एमपी ऑनलाइन में हो रहा है। अधिकारी खुलेआम करते कह रहे हैं कि इससे लोगों की शिकायतें और आपत्तियां कम होंगी। बताइए तो, सिस्टम सुधारने के बजाय शिकायतें रोकने का नया तरीका निकाला है सरकार ने।
अब प्रश्नों के साथ ऑब्जेक्शन पर भी चार्ज
नेशनल हेल्थ मिशन ने गत 10 दिसंबर को एमपी ऑनलाइन के जरिए सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (Senior Treatment Supervisor) के 187 और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (Community health officer) के 3450 पदों के लिए ऑनलाइन परीक्षाओं (Online examinations) का आयोजन कराया था। तीन शिफ्टों में हुईं इन परीक्षाओं में आवेदकों को कुल मिलाकर चार प्रश्नों पर आपत्ति है। इसके लिए 13 से 15 दिसंबर तक आपत्ति दर्ज कराने की समय-सीमा निर्धारित की गई थी। परीक्षा में शामिल हुए आवेदक जब कियोस्क सेंटर के माध्यम से आपत्ति लगाने के लिए पहुंचे, तो पता चला कि उन्हें 60 रुपए प्रति प्रश्न और 30 रुपए कियोस्क चार्ज यानी 90 रुपए प्रति प्रश्न के हिसाब से भुगतान करना होगा।
कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की इस परीक्षा के बाद प्रश्नों पर आपत्ति लगाने में प्रति आवेदक कुल 360 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड और मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में भी विवादित प्रश्नों पर आपत्ति लगाने की प्रक्रिया के दौरान आवेदकों के कोई शुल्क नहीं लिया जाता है, लेकिन कमाई के लिए एमपी ऑनलाइन के अफसर प्रति प्रश्न पैसे ले रहे हैं।
एक प्रश्न से बिगड़ेगी मेरिट:
इस परीक्षा के दौरान 10 दिसंबर को फ़र्स्ट शिफ्ट में एक ही प्रश्न को दो बार पूछा गया था। इसमें सवाल नंबर 43 पर पूछा गया था कि कॉप्लिक्स स्पॉट किस बीमारी के दौरान देखने में आते हैं। इसमें चार ऑप्शन के तौर पर खसरा, गलसुआ, रुबेला और पोलियो का ऑप्शन दिया गया था। ठीक यही सवाल प्रश्न क्रमांक 90 पर भी था। इसमें ऑप्शन बदलकर खसरा, चिकन पॉक्स, टाइफाइड और गलसुआ कर दिए गए थे। अब आवेदकों का कहना है कि इससे इस शिफ्ट में आवेदकों को एक अंक का फायदा मिलेगा, जिससे मेरिट प्रभावित हो जाएगी।
परीक्षा से 50 हजार से 1.20 करोड़ की वसूली
इस परीक्षा में बाहरी उम्मीदवारों का कोई कोटा निर्धारित नहीं किया गया था। ऐसे में बाहरी राज्यों के ही 40 से 42 हजार आवेदक परीक्षा में शामिल हुए। इसके अलावा प्रदेश के भी लगभग 20 हजार से अधिक आवेदकों ने इस परीक्षा में भाग लिया था। ऐसे में एक मोटे अनुमान के मुताबिक 50 हजार आवेदक विवादित प्रश्नों पर आपत्ति लगाएंगे। इसके चलते चार प्रश्नों पर 240 रुपए प्रति आवेदक के हिसाब से 1.20 करोड़ रुपए की वसूली हो जाएगी।
चार्ज इसलिए रखा, ताकि आपत्ति कम आएं
इस संबंध में एमपी ऑनलाइन के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर राजीव सिसौदिया का तर्क है कि यह चार्ज कोई कमाई के लिए नहीं रखा है, बल्कि इसलिए रखा गया है ताकि आपत्तियां कम आएं। आपत्ति की प्रक्रिया को शुल्क से मुक्त रखने पर ढेरों आपत्तियां आ जाती हैं। इसको देखते हुए बहुत ही कम शुल्क निर्धारित किया गया है, ताकि सिर्फ सही आवेदक ही आपत्ति लगाएं। इसमें कमाई का कोई गणित नहीं है।