नई दिल्ली। बीते रोज भारत की राजधानी दिल्ली में कांग्रेस की तरफ से आयोजित की गई ' भारत बचाओ रैली' केंद्र सरकार के खिलाफ हमला तो थी ही इसका दूसरा टारगेट भी था और वो था राहुल गांधी की कांग्रेस में दूसरी बार प्राण प्रतिष्ठा। जी हां, भारत बचाओ रैली के माध्यम से कांग्रेस में राहुल गांधी की दूसरी बार सफलतापूर्वक प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई। राहुल गांधी अब कभी भी अध्यक्ष पद पर वापसी कर सकते हैं।
सिर्फ राहुल की टीम को मंच मिला
रैली में लगे कटआउट, पोस्टर, बैनर और कार्यकर्ताओं के नारे भी उनके जल्द अध्यक्ष पद संभालने का इशारा कर रहे थे। यही नहीं, वक्ताओं की सूची से भी उनकी ताजपोशी की अटकलों को बल मिल रहा था। रामलीला मैदान में हुई रैली में मंच से बहुत कम लोगों ने भाषण दिया। इनमें कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा जिन नेताओं के नाम शामिल हैं, उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट और राजीव सातव प्रमुख हैं, जो टीम राहुल का हिस्सा माने जाते हैं।
प्रियंका गांधी ने खुला ऐलान किया ' मेरे नेता राहुल गांधी'
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी रैली में अपने भाषण की शुरुआत ‘मेरे नेता राहुल गांधी’ कहते हुए की। रैली से अलग भी राहुल को फिर से कमान सौंपने की मुहिम जोर पकड़ रही है। कुछ नेता और कार्यकर्ता ‘माई लीडर आरजी’ हैशटैग के तहत जमकर ट्वीट कर रहे हैं। दिल्ली कांग्रेस के अधिकारिक ट्विटर अकाउंट से भी इस हैशटैग को टैग किया जा रहा है।
कांग्रेस के कई नेता चाहते हैं राहुल गांधी कम बैक करें
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘हम सभी की इच्छा है कि राहुल गांधी एक बार फिर पार्टी की बागडोर अपने हाथों में ले लें। हालांकि, अंतिम निर्णय उन्हीं को लेना है।’ दरअसल, कांग्रेस के अंदर यह बात जोर पकड़ रही है कि मौजूदा स्थिति में राहुल ही पार्टी का नेतृत्व कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि राहुल को दोबारा पार्टी अध्यक्ष बनना चाहिए, क्योंकि वह विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बात करते हैं और पार्टी के सभी कार्यकर्ता उनके साथ हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी बघेल की बात का समर्थन कर चुके हैं।
इस्तीफा देने के बाद राहुल गांधी कांग्रेस का चेहरा है
कांग्रेस रणनीतिकार भी मानते हैं कि अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बावजूद राज्यों में होने विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में राहुल गांधी ही पार्टी का चेहरा हैं। हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में उन्होंने ही प्रचार किया है। ऐसे में उन्हें फिर से जिम्मेदारी संभाल लेनी चाहिए। पार्टी के अंदर कई नेता यह भी दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी राहुल को दोबारा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपना चाहती हैं। राहुल ने अभी तक अपनी तरफ से कोई संकेत नहीं दिए हैं।