ग्वालियर। सिंधिया राजवंश की मुखिया एवं मध्य प्रदेश की राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार दो बार चूक गए। पहली छोटी सी गलती इंदौर में हुई जिसके कारण अर्थ का अनर्थ निकाला गया और दूसरी गलती ट्विटर पर कर दी जिसके कारण सोशल मीडिया पर ट्रोल किए गए।
इंदौर में क्या हुआ, बयान में क्या चूक हो गई
ज्योतिरादित्य सिंधिया से नागरिक संशोधन बिल पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई थी। उन्होंने मीडिया से कहा जो अध्यादेश लाया जा रहा है मैं मानता हूं कि जो भारत की विचारधारा है, भारत की सभ्यता है कि सभी को साथ में लेकर चलना कि धर्म और राज्य के आधार पर, देशों के आधार पर पूर्व भी हुआ है परंतु धर्म के आधार पर कभी नहीं हुआ। मैं तो मानता हूं कि यह संविधान के विपरीत अलग बात है लेकिन यह हमारी भारतीय संस्कृति जो है इसके आधार पर.... (दरअसल अंतिम वाक्य अधूरा रह गया और वह आगे बढ़ गए। शायद वह कहना चाहते थे कि यह भारतीय संस्कृति के आधार पर नहीं है परंतु " नहीं है" कैमरा में रिकॉर्ड नहीं हुआ क्योंकि वह आगे बढ़ गए थे) नतीजा यह हुआ कि लोगों ने इसे नागरिक संशोधन बिल का समर्थन मान लिया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर ऐसा क्या लिख दिया जो ट्रॉल हो गए
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 11 दिसंबर की शाम करीब 4:18 बजे एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा कि “CAB 2019 संविधान की मूल भावना के खिलाफ है, भारतीय संस्कृति के विपरीत भी है। अंबेडकर जी ने संविधान लिखते समय किसी को धर्म, जात के दृष्टिकोण से नहीं देखा था। भारत का इतिहास रहा है कि हमने सभी को अपनाया है- वासुदेव कुटुंबकम भारत की विशेषता है। धर्म के आधार पर पहले कभी ऐसा नहीं हुआ।”
यह ट्वीट शायद उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया को स्पष्ट करने के लिए लिखा था परंतु इसमें भी एक चूक कर बैठे। उन्होंने "वासुदेव कुटुंबकम" लिख दिया जबकि यह "वसुधैव कुटुंबकम" होता है। वसुधैव कुटुंबकम से तात्पर्य सारी पृथ्वी एक परिवार है और वासुदेव भगवान श्री कृष्ण का एक नाम है।