इंदौर। शहर में किसी गली, एरिया में बने मकान तक पहुंचने के लिए अब आपको किसी से पूछने और परेशान होने की जरूरत नहीं होगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम द्वारा अब हर मकान को यूनिक आईडी वाला डिजिटल डोर नंबर (डीडीएन) देने की तैयारी हो गई है। इसमें हर मकान की जियो टैगिंग होगी और कोई भी व्यक्ति उस डीडीएन के जरिए मकान की सही लोकेशन पर पहुंच सकेगा।
इसका उपयोग विविध सरकारी विभाग जैसे किसी घटना के होने पर पुलिस द्वारा डीडीएन के जरिए सीधे उस जगह पहुंचा जा सकेगा। इसी तरह एंबुलेंस पहुंचना हो या फायर ब्रिगेड यह सभी भी तत्काल पहुंच सकेंगे। निगमायुक्त आशीष सिंह ने बताया पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसकी शुरुआत वार्ड 54 से की जा रही है। इसकी तैयारी हो गई है और दिसंबर में ही इसे शुरू कर दिया जाएगा। प्रोजेक्ट के बाद इसे फिर पूरे नगरीय सीमा में लागू किया जाएगा। एक निजी बैंक से अभी निगम ने इसके लिए बात की है। इसमें निगम को अभी किसी तरह का शुल्क नहीं लगेगा और न ही आमजन पर किसी तरह का खर्च आएगा।
मकान की प्लेट पर क्यूआर कोड भी रहेगा। आपकी गली में सफाई हुई है या नहीं, आप मोबाइल से क्यूआर कोड को स्कैन करके निगम को जानकारी दे सकेंगे। संपत्ति कर व अन्य कर भरने की सुविधा भी इसी क्यूआर कोड से मिल जाएगी। डीडीएन में इस मकान में रहने वाले लोगों की संख्या व अन्य जानकारी भी रहेगी। इस सिस्टम को इस तरह से अन्य विभागों से साझा करने की तैयारी हो रही, जिससे यदि मतदाता के सत्यापन की बात हो रही है तो बीएलओ को इस कोड को स्कैन करना होगा। इससे पता चलेगा कि वास्तव में वह उस मकान तक पहुंचा था। इसी तरह अन्य सुविधाओं को भी आगे जाकर इससे लिंक किया जा सकेगा। हालांकि इसके लिए अभी इस सिस्टम पर काफी काम करने की बात कही जा रही है और यह पायलट प्रोजेक्ट के बाद आने वाली समस्याओं के बाद ही हो सकेगा।