भोपाल। प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में पिछले दो दशकों से कार्यरत अतिथिविद्वान कमलनाथ सरकार द्वारा चुनाव पूर्व दिए गए नियमितीकरण के वचन को पूरा करने की मांग और अड़े हुए हैं किन्तु सरकार का कोई भी प्रतिनिधि अब तक अतिथिविद्वानों की समस्या और परेशानियों सुनने नही पहुचा है। अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजकद्वय डॉ देवराज सिंह और डॉ सुरजीत भदौरिया ने कहा है कि यह सरकार की असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है कि महिला अतिथिविद्वान अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ भारी बारिश के बीच कड़ाके की ठंड में शाहजहानी पार्क में बैठी है। कड़ाके की ठंड का दंश महिलाओं के साथ बच्चे भी झेलने को मजबूर हैं। किन्तु महिलाएं आप के भविष्य के प्रति इतनी चिंतित हैं कि वे लगातार शाहजहानी पार्क में सरकार से अपने नियमितीकरण का वचन पुरा करने की मांग पर अड़ी हुई हैं।
महिला मुंडन रोकने सामने विभिन्न सामाजिक संगठन आए
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रान्तीय प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने कहा है कि कांग्रेस सरकार की वादाखिलाफी और असंवेदनशीलता की यह पराकाष्ठा है कि सरकार की वादाखिलाफी और नौकरी से बाहर किये जाने के विरोध में विभिन्न समाजों से संबंधित महिला अतिथिविद्वानों ने अपने केश तक त्यागने की घोषणा की थी। जिन महिलाओं ने अपने केश त्यागने की घोषणा की थी उनमे क्षत्रिय, ब्राह्मण, मुस्लिम और दलित समाज की महिला अतिथिविद्वान शामिल हैं। डॉ मंसूर अली ने आगे कहा कि श्री राजपूत करनी सेना मूल, ब्राह्मण महासभा, अजाक्स सपाक्स एवं मुस्लिम समाज के प्रमुख व्यक्तियों सहित अन्य कई सामाजिक संगठनों द्वारा महिला अतिथि विद्वानों से मुंडन न कराने का निवेदन किया, जिसके फलस्वरूप मुंडन को आगामी निर्णय लेने तक रोक गया है।
महिलाओं ने अपना आँचल और दुपट्टा जलाया
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के डॉ जेपीएस चौहान ने कहा कि धरना स्थल पर बड़ी संख्या में उपस्थित महिला अतिथिविद्वानों ने सरकार की असंवेदनशीलता के विरोध में अपनी अस्मिता के प्रतीक अपने आँचल और दुपट्टे की होली जलाकर सरकार के विरुद्ध नारे लगाए। धरना स्थल पर उपस्थित महिला अतिथिविद्वानों ने एक सुर में कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा लगाने वाली ये कांग्रेस सरकार इस प्रदेश में उच्च शिक्षित बेटियों की भी रक्षा नही कर पा रही है। बेटियां कड़ाके की ठंड में बच्चों के साथ पंडालों में भीग रही है और कांग्रेस सरकार के नुमाइंदे अपने बंगलो में चैन की नींद सो रहे हैं।
भारी बारिश में भी डटी रही महिलाएं और बच्चे
सरकार द्वारा सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा के तथाकथित चयनितों की नियुक्तिपत्र जारी करने से पूरे प्रदेश के अतिथिविद्वान तनावग्रस्त हैं। चिंता और तनाव का आलम यह है कि महिलाएं अपना घर छोड़ कर बच्चों सहित इस कड़ाके की ठंड में शाहजहानी पार्क में आंदोलन कर रही है। मोर्चा के डॉ आशीष पांडेय के अनुसार अनशन कर रही कुछ महिलाएं बेहद नाजुक स्थिति में पहुंच चुकी है। अपने साथ बच्चों को लेकर धरने पर पहुँची महिलाओं ने कहा कि ये सरकार महिलाओं और बच्चों के प्रति भी इतनी निर्दयी हो गई है कि अब तक सरकार ने हमारी सुध लेने की कोई कोशिश नही की है।
अतिथिविद्वान दो दिनों से कर रहे आमरण अनशन
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार धरनास्थल पर 11 अतिथिविद्वान साथी कमलनाथ सरकार की नियमितीकरण की वादाखिलाफी के विरुद्ध आमरण अनशन पर बैठे हैं। पिछले 48 घंटों से आमरण अनशन पर बैठे अतिथिविद्वान डॉ (श्रीमती)अनुपम सिंह एवं धर्मेंद्र पवार की तबियत बिगड़ गई जिससे उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा है। इतनी जद्दोजहद के बाद भी सरकार कोई भी प्रतिक्रिया देने से साफ बचती दिखाई पड़ रही है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि जिन अतिथि विद्वानों ने कांग्रेस की सरकार बनवाने में अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। सत्ता के सिहांसन पर बैठते ही सरकार उन्ही लोगों से मुँह मोड़ बैठी है।
अजाक्स, सपाक्स, करणी सेना,ब्राह्मण महासभा व शहर काजी ने दिया आंदोलन को समर्थन
शाहजहांनी पार्क भोपाल में चल रहे आंदोलन में शामिल अतिथिविद्वानों की पीड़ा का आलम यह है कि जो भी उनका दर्द सुन रहा है द्रवित हो उठता है। इसी कारण से अजाक्स, सपाक्स, श्री राजपूत करणी सेना, ब्राह्मण महासभा तथा मुस्लिम समाज से शहर काजी जी ने धरना स्थल पर पहुँचकर अतिथिविद्वानो के आंदोलन को अपना समर्थन पत्र सौंपा। लगभग प्रत्येक समाज के प्रतिनिधियों ने कमलनाथ सरकार की वादाखिलाफी की एक सुर में निंदा की और अतिथिविद्वानों की मांगों को मुख्यमंत्री कमलनाथ तक पहुचाने का वादा किया।