अजय सिंह राहुल 2 चुनाव के बाद अपने पिता की मूर्ति मामला भी हार गए | BHOPAL NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में धूमधाम के साथ लगाई गई पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह की मूर्ति हटाई जाएगी। कमलनाथ सरकार ने जबलपुर हाईकोर्ट में पेश किए गए जवाब में यह जानकारी दी। सरकार की तरफ से महाधिवक्ता शशांक शेखर उपस्थित हुए। बता दें कि स्वर्गीय अर्जुन सिंह कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल के पिता है। यह मूर्ति अजय सिंह राहुल के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न थी लेकिन जिस तरह वह दो चुनाव हारे उसी तरह हुई है मामला भी हार गए।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हटाई गई थी शहीद चंद्रशेखर की मूर्ति

बता दें कि कमलनाथ सरकार ने नानके चौराहे पर स्वर्गीय अर्जुन सिंह की मूर्ति स्थापित कराई थी। यह वही स्थान है जहां पहले शहीद चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति लगी हुई थी। तत्सम है सरकार ने इस मूर्ति को यातायात में बाधा बताते हुए हटा दिया था। अब वहां अर्जुन सिंह की मूर्ति लगा दी गई। इसी को लेकर विवाद था। हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाने वाले याचिकाकर्ता ग्रीष्म जैन के अधिवक्ता सतीश वर्मा ने तर्क दिया कि तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी भोपाल व जबलपुर समेत राज्य के कुछ शहरों में ट्रैफिक व्यवधान को मद्देनजर रखकर चौराहों पर लगी प्रतिमाएं हटाने आदेश दिए थे। इनमें चन्द्रशेखर आजाद, इंदिरा गांधी व शंकरदयाल शर्मा सहित अन्य की प्रतिमाएं शामिल थीं। इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने न्यायालय के आदेश की अवमानना कर ये प्रतिमा स्थापित की।

सरकार ने कहा था अर्जुन सिंह की मूर्ति से कोई परेशानी नहीं

मामले में आपत्ति आने के बाद सरकार यू टर्न लेने के लिए तैयार नहीं थी। अजय सिंह राहुल ने इस मामले को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था। सरकार पूरी तरह उनके साथ थी। हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगने के बाद सरकार ने कहा था कि नानके चौराहे के पर लगी प्रतिमा से यातायात में बाधा नहीं हो रही है लेकिन जैसे ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मामला सामने आया गुरुवार को महाअधिवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाएगा और भोपाल में चौराहे से पूर्व सीएम अर्जुन सिंह की प्रतिमा हटाई जाएगी।

अजय सिंह राहुल के लिए यह तीसरी हार

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार एवं विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक अजय सिंह राहुल के लिए यह तीसरी बड़ी हार है। खुद को मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल करने के लिए अजय सिंह राहुल ने बड़े जतन किए थे। कहा जाता है कि इसी के चलते उनकी प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया से भी अनबन हो गई थी। मामला गांधी परिवार तक पहुंचा था। राहुल गांधी का बयान देना पड़ा था कि यहां बैठा हर व्यक्ति मुख्यमंत्री पद का दावेदार है। इतना सब होने के बावजूद अजय सिंह राहुल विधानसभा का चुनाव हार गए। अजय सिंह राहुल को प्रतिष्ठित करने की कोशिश में दिग्विजय सिंह ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिलवाया लेकिन वह लोकसभा का चुनाव भी हार गए। अब राजधानी में अपने पिता की प्रतिमा लगवा कर कुछ प्रतिष्ठा हासिल करने की कोशिश की थी लेकिन अब वह भी धूमिल हो गई।
Tags

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !