ग्वालियर। कमलनाथ सरकार ने एलान किया था कि घरेलू बिजली उपभोक्ताओं काे महीने में 100 यूनिट खपत हाेने पर 100 रुपए और 150 यूनिट तक खपत पर सिर्फ 350 रुपए बिजली बिल जमा करना होगा। शेष पैसा सब्सिडी के रूप में अपने आप उपभोक्ता के अकाउंट में जमा हो जाएगा लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हो रहा है। शहर के कई उपभोक्ताओं को 150 यूनिट या इससे कम बिजली की खपत होने के बाद 350 रुपए की जगह 1000 से लेकर 1100 रुपए तक बिल थमाया गया है। इसकी वजह है बिजली कंपनी की चालाकी, जिससे आम उपभोक्ताओं काे इंदिरा गृह ज्याेति याेजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बिजली कंपनी ने सॉफ्टवेयर में यह चालाकी की है
बिजली कंपनी ने इंदिरा गृह ज्योति योजना को सॉफ्टवेयर में कुछ इस तरह से फीड किया है कि यदि उपभोक्ता प्रतिदिन पांच यूनिट या इससे कम खर्च करेगा तभी उसे योजना का लाभ मिलेगा। यदि उपभोक्ता सप्ताह में 4 दिन पांच यूनिट से कम और शेष 3 दिन 5 यूनिट से ज्यादा खर्च करता है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। यानी उसका बिल बिना सब्सिडी वाला आएगा चाहे उसकी कुल खपत 150 यूनिट से कम क्यों ना हो।
कंपनी का तर्क: योजना को प्रतिदिन के हिसाब से क्यों तोड़ा
अगर आपके यहां मीटर रीडर 28 दिन में रीडिंग लेने आ जाता है तो 5 यूनिट का गुणा 28 दिन से होगा। ऐसे में यूनिट बनेगी 140, तो सॉफ्टवेयर शेष दो दिन में भी 5 का गुणा करेगा, जिससे 30 दिन की बिलिंग साइकल 150 यूनिट ही पहुंचेगी इसलिए बिल बनेगा 350 रुपए। अगर मीटर रीडर 35 दिन बाद आता है तो 5 यूनिट का गुणा 35 दिन से होगा और खपत 175 यूनिट बनेगी। ऐसे में सॉफ्टवेयर 5 अतिरिक्त दिन की यूनिट घटाएगा तो यूनिट का कैलकुलेशन 30 दिन के हिसाब से 150 यूनिट बनेगा।
समझें, कैसे हाे रहा उपभोक्ताओं से छलावा
कर्मचारी आवास काॅलाेनी में रहने वाले विजय त्रिवेदी को इस महीने जो बिल मिला वह 147 यूनिट का है। लेकिन बिलिंग साइकल 29 दिन की है। सॉफ्टवेयर ने 5 यूनिट को 29 दिन में गुणा किया तो विजय की मासिक यूनिट 145 बनती है, लेकिन यहां 147 यूनिट बनी। अब सॉफ्टवेयर एवरेज निकालने के लिए एक दिन के 5 यूनिट को और जोड़ेगा तो विजय की यूनिट 150 नहीं बल्कि 152 यूनिट आएगी। ऐसे में भले विजय त्रिवेदी का बिल 147 यूनिट है लेकिन वे इंदिरा गृह ज्योति योजना की पात्रता श्रेणी से बाहर हो जाएंगे।
एलान 150 यूनिट प्रतिमाह का किया था, योजना 5 यूनिट प्रतिदिन की बना दी
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जब इंदिरा ग्रह ज्योति योजना का ऐलान किया था तब उन्होंने 150 यूनिट प्रतिमाह की बात की थी लेकिन जब की योजना का ड्राफ्ट तैयार किया गया तो बिल्कुल वैसे ही चालाकी की गई जैसी किसान कर्ज माफी में की गई थी। ₹200000 तक की किसान कर्ज माफी का ऐलान कर सरकार बनने के बाद किसी "कृषि कर्ज" कर दिया गया ठीक उसी प्रकार 150 यूनिट प्रतिमाह का ऐलान करने के बाद योजना को 5 यूनिट प्रतिदिन बना दिया गया। अब आपके पास हर रोज का पांच यूनिट है। 1GB मोबाइल डाटा की तरह।