कर्मचारी ऑफिस से स्टेशनरी क्यों चुरा ले जाते हैं | Why do employees steal stationery from the office

भारत में कर्मचारियों को अब 7वां वेतनमान मिल रहा है। एक सरकारी कर्मचारी चाहे वो चतुर्थ श्रेणी ही क्यों ना हो, पर्याप्त वेतन मिल रहा है। बावजूद इसके कर्मचारी अपने ही ऑफिस से स्टेशनरी और ऐसी ही छोटी मोटी चीजें चुरा ले जाते हैं। ब्रिटेन की एक कंपनी पेपरमार्ट के एक सर्वे में निकलकर आया है कि तकरीबन सभी कर्मचारी अपने ऑफिस से स्टेशनरी यानी पेन-पेपर चुराते हैं।

सभी कर्मचारियों ने की है कभी न कभी चोरी की है

एक पेन की लॉन्चिंग के मौके पर ये सर्वे किया गया, जिसमें शामिल 100% लोगों ने बताया कि उन्होंने कभी न कभी पेन चुराया है। इसी तरह के कई और सर्वे भी यही बताते हैं कि कर्मचारियों को ऑफिस से स्टेशनरी चुराने या निजी जरूरत के लिए प्रिंटआउट लेने से कोई गुरेज नहीं। साथ ही ये भी निकलकर आया इस छोटी-मोटी चोरी का कंपनियों पर आर्थिक बोझ काफी ज्यादा है। इन मामूली चोरियों से ऑफिस का सामान लगभग 35% तक घट जाता है। यहां तक कि कई कंपनियों के लिए ये उनके सालाना रिवेन्यू का 1.4 प्रतिशत तक हो जाता है।

बस यूं ही चुरा लिया

इस मामूली चोरी को कोवर्कर्स क्राइम का नाम दिया गया और इसका प्रतिशत भी निकाला गया। इसमें पाया गया कि लगभग 23 प्रतिशत लोग ही ऑफिस स्टेशनरी को चोरी किसी खास मकसद के साथ करते हैं, वहीं 77 प्रतिशत लोग बेमकसद कोई न कोई सामान उठा लेते हैं।

77 प्रतिशत लोग बेमकसद कोई न कोई सामान उठा लेते हैं

सर्वे में शामिल 1600 लोगों में से 50 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे पेन चुराते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि दफ्तर का पेन ज्यादा स्मूद लिखता है। 36 प्रतिशत ने कहा कि दफ्तर का लोगो बना होना और पेन का शानदार दिखना उन्हें इसे चुराने के लिए प्रेरित करता है। बाकी लोगों का कहना था कि उन्हें रंग या कुछ और पसंद है, जिसकी वजह से उन्होंने चोरी का फैसला किया।चोरी होने वाले बाकी सामानों में पेंसिल, मार्कर, पेपर क्लिप, रबर बैंड, टी बैग, चीनी, नमक और स्टेपलर तक शामिल हैं।
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