भोपाल। कांग्रेस में आदिवासी विधायकों की राजनीति हाईलेवल पर है। सीएम कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को रोकने के लिए आदिवासी प्रदेशअध्यक्ष का फार्मूला यूज किया था। मंत्री पद के दावेदार वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं विधायक बिसाहूलाल सिंह ने इस पर अपना दावा पेश कर दिया है।
दिग्विजय के समर्थक माने जाने वाले वरिष्ठ आदिवासी विधायक बिसाहूलाल सिंह ने कहा है कि उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाता है तो वे इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार हैं। सिंह का दावा है कि उन्हें 31 आदिवासी विधायकों का समर्थन प्राप्त है। वैसे भी मैं वरिष्ठता के नाते विधानसभा में सीनियर हूं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी वरिष्ठ हूं। मैं 1980 में पहली बार विधायक बन गया था। अभी तक पांच से छह बार विधानसभा का सदस्य रह चुका हूं। इसलिए संगठन को चलाने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
पाटिल और मीरा कुमार की कमेटी करेगी परीक्षण
मप्र में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चयन का मामला पेचीदा होने से अब तक पार्टी आलाकमान फैसला नहीं कर पाया है। साथ ही प्रदेश से जुड़े सभी मसलों पर राय देने के लिए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रहे वरिष्ठ नेता शिवराज पाटिल और मीरा कुमार की दो सदस्यीय समिति बनाई है। समिति अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल नामों पर विचार कर मुख्यमंत्री कमलनाथ की सहमति के बाद अपनी राय पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को देगी। इसके बाद ही नए अध्यक्ष का नाम तय होगा।