भोपाल। कमलनाथ सरकार के संरक्षक, कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पीएम नरेंद्र मोदी के निवास के सामने धरना देने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए उन्होंने समकक्ष भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को न्यौता दिया है। कहा है कि प्रदेश की जनता के हित में दोनों को साथ आना चाहिए। माना जा रहा है कि शिवराज सिंह आएं ना आएं, लेकिन प्रदेश की जनता के अधिकारों के लिए दिग्विजय सिंह अपनी लड़ाई जरूर लड़ेंगे।
दिग्विजय ने गुरुवार को चौहान को पत्र लिखकर कहा, "हालांकि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक आपदा प्रभावित लोगों को तत्काल राहत प्रदान पहुंचायी है, लेकिन मुझे यह बताते हुए दुख हो रहा है कि प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिये दी जाने वाली राशि में केन्द्र सरकार ने अपना हिस्सा 90 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत कर दिया है।’’ उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘केन्द्र सरकार प्रदेश में सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए केंद्रीय सड़क कोष से 498 करोड़ रुपये भी जारी नहीं कर रही है। भेदभाव पूर्ण नीति अपनाते हुए केन्द्र एडीए और भाजपा शासित बिहार और कर्नाटक जैसे राज्यों को सहायता राशि दे रही है।’’ दिग्विजय ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में मध्य प्रदेश के कुल 40 सांसदों में से भाजपा के लोकसभा में 36 और राज्यसभा में 11 सदस्य हैं। फिर भी वे अपने लोगों के हितों में काम नहीं कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि उन्होंने इस मामले को लेकर सभी सांसदों को भी पत्र लिखा है।
सिंह ने यह भी बताया कि केन्द्र में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के शासनकाल में चौहान ने मध्य प्रदेश में प्राकृतिक आपदा प्रभावितों को केंद्रीय सहायता प्रदान करने में कथित भेदभाव के मुद्दे पर 6 मार्च, 2014 को उपवास कर विरोध प्रदर्शन किया था और प्रदेश में दिन भर के बंद का आह्वान भी दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि हम दोनों राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं, इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम जनता के हित में साथ में खड़े हों।’’ दिग्वियज ने कहा, ‘‘मेरा आपसे अनुरोध है कि प्रदेश की जनता के हित में आप थोड़ा वक्त निकालें तथा हम दोनों ही इस विषय में प्रधानमंत्री जी से चर्चा करें। मुझे आशा है कि वह आपकी बात नहीं टालेगें लेकिन यदि फिर भी वे नहीं सुनते हैं तो मध्यप्रदेश के लोगों की खातिर मैं और आप दोनों ही दिल्ली चलकर प्रधानमंत्री निवास के सामने धरने पर बैठें।’’