मुंबई। महाराष्ट्र का महासंग्राम अब अंतिम पड़ाव पर आता नजर आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दिल्ली और नागपुर की परिक्रमा के बाद मुंबई लौट आए हैं। शरद पवार भी सोनिया गांधी के दरबार में हाजिरी लगाकर वापस आ गए हैं। नागपुर ने भाजपा से कहा है कि बिना शिवसेना के महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनानी चाहिए। महाराष्ट्र भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री पद को छोड़कर शिवसेना को कुछ भी देने के लिए तैयार है। इस सब के बाद शिवसेना की तरफ से संजय राउत ने एक बार फिर दोहराया है कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री तो शिवसैनिक ही होगा।
इससे पहले एक खबर यह आई थी कि शिवसेना के विधायकों का एक समूह भाजपा से मिल सकता है। संजय राउत ने इस खबर को निराधार बताते हुए कहा कि शिवसेना के विधायक पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध है। वह कहीं नहीं जाने वाले। यह सब अफवाहें हैं जिनकी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। बता दें कि शिवसेना लगातार ढाई साल मुख्यमंत्री पद की मांग कर रही है। भाजपा ने शुरुआत से ही उसकी मांग को ठुकरा दिया है। शिवसेना के पास भाजपा के समान संख्या में विधायक नहीं है बावजूद इसके उसके पास इतने विधायक तो है कि वह भाजपा को धमका सके।
शिवसेना ने एनसीपी के साथ सरकार बनाने की संभावनाएं भी तलाशी थी। इस सिलसिले में शरद पवार और सोनिया गांधी के बीच लंबी बातचीत भी हुई। फार्मूला तय हुआ था कि शिवसेना और एनसीपी सत्ता में रहेंगे और कांग्रेस बाहर से समर्थन करेगी। परंतु शायद बात बन नहीं पाई। इधर भाजपा आज राज्यपाल से मिलने जा रही है।