जबलपुर। शहर में भू-माफिया हावी हो चुका है। एक बिल्डर में पुलिस अधीक्षक की सरकारी निवास की रजिस्ट्री अपने नाम करा ली तो दूसरे बिल्डर में सेना की आपत्ति के बावजूद बहुमंजिला इमारत तान दी। सुखसागर वैली के लोगों का कहना है कि उनके क्लब और कम्युनिटी हॉल गायब हो गए। नगर निगम और प्रशासन भू-माफिया के हित में काम करते नजर आ रहे हैं। जब सेना की आपत्ति पर ही ध्यान नहीं दिया गया तो आम आदमी की क्या बिसात।
सेना की आपत्ति के बाद भी बहुमंजिला इमारत तन गई
4 साल पहले भारतीय सेना में ग्वारीघाट मार्ग पर शुरू हुए एक प्रोजेक्ट पर आपत्ति दर्ज कराई थी। बिल्डर यहां मल्टीस्टोरी बना रहा था। सेना का कहना था कि इससे सुरक्षा को खतरा उत्पन्न होगा। सेना के अधिकारियों ने जब नगर निगम और जिला प्रशासन के सामने आपत्ति दर्ज कराई तो तत्काल कार्यवाही करते हुए नगर निगम का हमला प्रोजेक्ट को रोकने एवं हो चुके निर्माण कार्य को तोड़ने पहुंच गया था, परंतु इसके बाद बात आई-गई हो गई। सेना की आपत्ति को नजरअंदाज कर दिया गया और आज यहां एक शानदार बहुमंजिला इमारत खड़ी हुई है।
सुख सागर वैली: बिना T&CP भवन निर्माण, लेआउट में मनमाना परिवर्तन
जिला प्रशासन के पास सुखसागर वेली सोसाइटी के खिलाफ शिकायत आई है। बताया गया है कि T&CP के बिना ही नगर निगम ने भवन निर्माण की स्वीकृति दे दी। बिल्डर ने निर्धारित लेआउट में मनमाना परिवर्तन कर दिया। सोसाइटी के क्लब और कम्युनिटी हॉल लापता है। इनकी जमीन पर प्लॉट काट दिए गए।