भोपाल। 3000 करोड़ की ई-टेंडर घोटाले में नया खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के एक सीनियर आईएएस अफसर ने बड़ी मात्रा में काला धन विदेशों में भेजा है। सूत्रों का कहना है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा की इस अधिकारी के विदेशों में व्यक्तिगत संबंध है। उसने काला धन भेजने के लिए इसी नेटवर्क का उपयोग किया है।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ई-टेंडर घोटाले का खुलासा हुआ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जो खुद को व्यापम घोटाले का विसलब्लोअर बताते हैं, ने ई टेंडर घोटाले को दबाने की कोशिश की। कमलनाथ सरकार ने इस मामले की जांच EOW को सौंप दी थी। EOW फिलहाल केवल 9 टेंडर की जांच कर रही है। इसी जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है कि एक वरिष्ठ आईएएस अफसर ने बड़ी मात्रा में काला धन विदेश में भेजा है। यह मनी लांड्रिंग शैल कंपनियों के माध्यम से हुई है। बताया जा रहा है कि यह आईएएस अफसर फिलहाल केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर है। इनका एक रिश्तेदार फ्रांस में है।
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी: वित्त मंत्री
वित्त मंत्री तरुण भनोत ने बताया कि बीते सालों में प्रदेश में पैसे तो खूब खर्च हुए लेकिन उन पैसों का सही इस्तेमाल नहीं हुआ। नतीजतन विकास भी देखने को नहीं मिला। भनोत ने आरोप लगाया कि जहां पैसा लगना था, वह पैसा वहां नहीं लगा। इसलिए जिन लोगों की मार्फत ये पूरा काम हुआ, उनकी जांच अब एजेंसी कर रही हैं। प्राथमिक जांच में यह बात स्पष्ट हुई है कि आईएएस हो या फिर आईपीएस या फिर मंत्री, सभी तरह के लोग इसमें दोषी हैं और जो भी हो उन पर कार्रवाई जरूर की जाएगी।
कमलनाथ सरकार ने कहा था हमारा कोई अफसर भ्रष्ट नहीं
पीएम नरेंद्र मोदी के आदेश पर केंद्र की एक टीम द्वारा देशभर के आईएएस अफसरों की कुंडली खाली जा रही है। ऐसे आईएएस अफसर जो भ्रष्ट हैं, या फिर जो काम के योग्य नहीं रह गए हैं उन्हें वीआरएस दिया जा रहा है। इस संदर्भ में केंद्र ने मध्य प्रदेश शासन से भी जानकारी मांगी थी। तब कमलनाथ सरकार ने दिल्ली सरकार को बताया था कि उनके यहां कोई भी भ्रष्ट आईएएस अफसर नहीं है।