भोपाल। दिग्विजय सिंह सरकार की कथाओं में छोटे राजा साहब लक्ष्मण सिंह के किस्से काफी मिलते हैं लेकिन दिग्विजय सिंह के सन्यास के साथ ही लक्ष्मण सिंह भी शांतिप्रिय नागरिक का जीवन बिताने लगे थे। कमलनाथ सरकार में एक बार फिर छोटे राजा साहब की धमक सुनाई देने लगी है। दहशत का आलम यह है कि उनकी विधानसभा चाचौड़ा का थानेदार उनसे बचने के लिए ट्रांसफर लेकर चला गया और यह सबकुछ सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज भी हो गया।
गुना जिले के चाचौड़ा थाना प्रभारी राम शर्मा ने गुना एसपी को 15 नवंबर को एक चिट्ठी लिखी। उस चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि विधायक प्रतिनिधि सीताराम गुर्जर और नारायण सिंह भील द्वारा मेरे खिलाफ सोशल मीडिया पर वीडियो डाला जा रहा है। जिसमें मुझ पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि मैं भील समाज के लोगों के विरुद्ध ज्यादा कार्रवाई कर रहा हूं। टीआई राम शर्मा ने आगे लिखा कि हमारे थाना क्षेत्र में उक्त समुदाय विशेष द्वारा ही अधिकतम अपराध घटित किए जाते हैं। मैंने उन लोगों पर बार-बार दबिश देकर अपराध पर लगाम लगाई। जिस कारण उक्त समुदाय विशेष के लोगों पर अधिक कार्रवाई हुई लेकिन आरोप लगाने वाला नारायण सिंह भील पूर्व में पुलिस के नाम पर लोगों से पैसा ऐंठता रहा है। इस कारण मैंने उसे थाने में आने से रोक लगा दिया। जिससे उसकी दलाली बंद हो गई है। सीताराम गुर्जर भी आपराधिक प्रवृत्ति का है। जिससे परेशान होकर आए दिन दोनों झूठी शिकायतें कर रहा है।
टीआई राम शर्मा ने लिखा कि इन्हीं सब विवादों को लेकर पंद्रह नवंबर को मेरे मोबाइल पर विधायक चाचौड़ा लक्ष्मण सिंह का फोन आया और मुझे अपशब्द कहा। साथ ही कहा कि थाने पर चाचौड़ा पुलिस की दुकान का बोर्ड लगा दूंगा। उक्त कृत्य से मेरी वर्दी और मेरे आत्मसम्मान को बहुत ठेस पहुंची है, मैं ऐसे माहौल में अपनी नौकरी नहीं कर सकता हूं। मेरा निवेदन है कि मेरा थाना चांचौड़ा से कहीं और ट्रांसफर करने की कृपा करें। टीआई की गुहार के बाद गुना एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने आवेदन स्वीकार करते हुए ट्रांसफर कर दिया है। अब जामनेर थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह यादव को चाचौड़ा का थाना प्रभारी बनाया गया है। जबकि चाचौड़ा थाना प्रभारी राम शर्मा को जामनेर भेज दिया गया है।