भोपाल। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की एक हरकत से मुख्यमंत्री कमलनाथ नाराज हैं। उन्होंने सार्वजनिक बयान जारी करके लोक सेवा आयोग को आदेशित किया है कि वह बढ़ी हुई फीस वापस ले एवं भविष्य में उनकी अनुमति के बिना फीस वृद्धि ना की जाए। बता दे क्या हाल ही में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने भर्ती परीक्षाओं की फीस 2 गुना करती है। याद दिला दे कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के समय भर्ती परीक्षाओं की फीस माफ करने का ऐलान किया था। जिक्र जरूरी है कि इस मुद्दे को भोपाल समाचार सहित मध्य प्रदेश के कुछ प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने उठाया था।
सीएम की ओर से बयान जारी
मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से MPPSC की ऑनलाइन परीक्षाओं में फीस बढ़ोत्तरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए रविवार को इस बाबत बयान जारी किया गया। सीएम कमलनाथ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमारी सरकार युवाओं को रोजगार देने के वचन को लेकर काम कर रही है। लगातार प्रदेश में बेरोजगारी दूर करने और युवाओं को रोजगार देने के लक्ष्य को लेकर सरकार योजनाएं बना रही है। ऐसे में फीस वृद्धि का फैसला युवाओं के हितों के साथ न्याय नहीं है। आपको बता दें कि हाल ही में एमपीपीएससी ने छात्रों पर परीक्षा फीस का डबल बोझ डाल दिया था। पीएससी की सभी ऑनलाइन परीक्षाओं की फीस दोगुनी से ज्यादा कर दी गई है। इसका अनारक्षित वर्ग के साथ ही आरक्षित वर्ग के कैंडिडेट्स पर भी असर पड़ा है।
MPPSC ने ऐसे की फीस वृद्धि
सबसे पहले सहायक संचालक कृषि के 37 पदों पर की जाने वाली भर्ती के लिए फीस बढ़ाई गई। इस पद के लिए आवेदन करने वाले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए जहां फीस 1200 की जगह 2500 रुपए कर दी गई है। वहीं आरक्षित वर्ग को परीक्षा के लिए 600 की जगह 1250 रुपए देने होंगे। पीएससी की ओर से राज्य सेवा परीक्षा 2019, राज्य वन सेवा परीक्षा-2019 का नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है। राज्य सेवा परीक्षा के लिए डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी सहित 330 प्रशासनिक पदों पर भर्तियां की जाएंगी। वहीं राज्य वन सेवा के लिए 6 पद पर वैकेंसी निकाली गई है। इन परीक्षाओं में आवेदन करने वाले एमपी के मूल निवासी एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों की आवेदन फीस 750 रुपए तय की गई है। पहले यह फीस मात्र 250 रुपए थी। बाकी सभी श्रेणी और एमपी के बाहर रहने वाले उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए 1500 रुपए फीस देनी होगी।