भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ इन दिनों दुबई टूर पर है। दुबई में कमलनाथ हाइपरलूप वन कंपनी के प्रतिनिधियों से चर्चा की और मध्यप्रदेश में हाइपरलूप तकनीक पर आधारित कार्गो सिस्टम स्थापना की बात की। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले कमलनाथ इस चमत्कारी तकनीक को मध्य प्रदेश की धरती पर साकार करके दिखा देंगे। मध्यप्रदेश में हाइपरलूप कार्गो सिस्टम इन्दौर-भोपाल-जबलपुर के बीच डिवेलप किया जाएगा।
क्या होती है हाइपरलूप तकनीक
हाइपरलूप टेक्नोलॉजी का सरल शब्दों में मतलब है धरती पर हवाई जहाज की स्पीड और उसका खर्चा धरती के सामान्य परिवहन के बराबर। यानी हाइपरलूप कार्गो सिस्टम का मतलब हुआ, भोपाल से इंदौर और जबलपुर के बीच एक ऐसा ट्रांसपोर्ट सिस्टम तैयार होगा जो जमीन पर हवाई जहाज से तेज स्पीड से चलेगा और जिस का खर्चा सामान्य परिवहन के बराबर होगा। हाइपरलूप कार्गो सिस्टम के तहत यात्री और माल भाड़ा दोनों सफर कर सकते हैं।
दूसरी बार सरल शब्दों में बताएं तो आप कई कंटेनर माल मिनटों में भोपाल से इंदौर-जबलपुर भेज सकेंगे। इसी तरह आप मिनटों में इंदौर से भोपाल या जबलपुर आ-जा सकेंगे। हाइपरलूप सिस्टम के कारण कोई भी व्यक्ति या माल भाड़ा 3 घंटे की दूरी मात्र 23 मिनट में पूरी कर सकता है। हाइपरलूप के कैप्सूल करीब 500 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ते है। सबसे बड़ी बात यह कि इसके लिए आपको हवाई जहाज के बराबर या उससे अधिक किराया देने की जरूरत नहीं होगी। आपका खर्चा एक सामान्य रेल यात्रा के बराबर होगा। भारत में इस तकनीक पर यात्रा की सबसे पहली पहल महाराष्ट्र में पुणे और मुंबई के बीच हुई थी।
जमीन पर हवाई जहाज से तेज स्पीड कैसे संभव है
दुबई की हाइपरलूप वन कंपनी से सीएम कमलनाथ की बात हुई है। इस कंपनी ने दुबई में हाइपरलूप कार्गो सिस्टम को ना केवल सक्सेसफुली इंस्टॉल किया बल्कि ऑपरेट भी कर रही है। दरअसल यह एक रेल की पटरी पर चलने वाला ट्रक होगा जो बुलेट ट्रेन की तरह दिखाई देगा। यह जमीन के भीतर सुरंग के अंदर चलेगा। इसकी स्पीड इतनी तेज होगी कि इसे सामान्य आंखों से देखा ही नहीं जा सकता। बस एक तेज हवा का झोंका आपके पास से गुजर जाएगा।
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