भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ने झाबुआ उपचुनाव की हार तो स्वीकार कर ली लेकिन कांग्रेस की जीत स्वीकार नहीं की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कांग्रेस सरकार पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग लगाते हुए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आरोपित किया कि उन्होंने कांग्रेस के दबाव में आकर मतदान केंद्रों तक काम किया।
अपने बयान में प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि "जहां तक मध्य प्रदेश की झाबुआ सीट से उपचुनाव का मामला है यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट है। यहां हम तभी जीते हैं जब कांग्रेस का कोई बागी प्रत्याशी चुनाव लड़ता है। इस बार कांग्रेस सरकार के प्रति जो नकारात्मकता जनता में दिखाई दे रही थी उसके कारणों से हम आशान्वित थे कि परिणाम अच्छे होंगे। लेकिन जिस तरह से वहां कांग्रेस की सरकार ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया। सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को जिस तरह से चुनाव में झोंका गया। सरकारी अधिकारियों को पोलिंग बूथ के टारगेट दिए गए। हम मानते हैं कि इसका असर चुनाव परिणाम पर हुआ है।"
कल्याणपुरा से क्यों हारी भाजपा
झाबुआ विधानसभा सीट कांग्रेस ने जीत ली है। उसने अपनी ये परंपरागत सीट बीजेपी से छीन ली। पार्टी के कांतिलाल भूरिया 27925 वोटों से चुनाव जीत गए हैं। भूरिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के भानु भूरिया को हराया। कांतिलाल को 89945 वोट मिले, जबकि भानु भूरिया के खाते में 64714 वोट पड़े।
इस चुनाव परिणाम में सबसे चौंकाने वाले नतीजे कल्याणपुरा से आए। कल्याणपुरा को झाबुआ में भाजपा की अयोध्या कहा जाता है। यानी यह ऐसा इलाका है जो विषम परिस्थितियों में भी भाजपा के साथ रहा है। पिछले चुनाव में बीजेपी को कल्याणपुरा में 9000 वोट की लीड मिली थी। लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी यहां 5000 वोट से आगे रही थी। भाजपा के सामने यक्ष प्रश्न यही है कि वह कल्याणपुरा से क्यों हार गई।