सीएम कमलनाथ के जवाब पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान, राजनीति में खेल जरूरी | MP NEWS

भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों अपने नए अवतार में हैं और वह किसी भी स्थिति में पीछे हटने के मूड में नजर नहीं आते। पिछले दिनों उन्होंने किसान कर्ज माफी का मुद्दा उठाया था, सीएम कमलनाथ ने उनके बयान का जवाब भी दिया था अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएम कमलनाथ के जवाब पर नया बयान दिया है। सिंधिया ने कहा कि खेल के मैदान में राजनीति नहीं होनी चाहिए लेकिन राजनीति के मैदान में खेल जरूर होना चाहिए। श्री सिंधिया मुरैना में पत्रकारों से बात कर रहे थे।

कमलनाथ के बयान पर सिंधिया ने जवाब दिया

सिंधिया से जब पूछा गया कि कर्जमाफी को लेकर उन्होंने भिंड में जो बयान दिया था उस पर सीएम कमलनाथ ने कहा है कि 'जनता सभी को पहचानती है'। इस सवाल के जवाब में सिंधिया ने कहा कि प्रजातंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है। यही प्रजांतत्र की खूबी है। हर व्यक्ति को उसकी बात के लिए सम्मान मिलना चाहिए और हमें उसकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज में खेल के मैदान में खड़ा हूं, मैं खेल के मैदान में राजनीतिक प्रश्नों के उत्तर नहीं देता हूं क्योंकि खेल के मैदान में राजनीति नहीं होनी चाहिए पर राजनीति के मैदान में खेल जरूर होना चाहिए।

किसान कर्ज माफी का मुद्दा उठाया था

उल्लेखनीय है कि ग्वालियर चंबल संभाग के जिलों का दौरा कर रहे सिंधिया ने हाल ही में ग्वालियर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा था कि कांग्रेस को अपनी वर्तमान स्थिति पर आत्मचिंतन करना चाहिए। वहीं भिंड दौरे पर किसानों के शिकायतें सुनते समय कहा था कि हमने किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी, जबकि किसानों के केवल 50 हजार के ही कर्ज माफ हुए हैं।

किसानों को अन्नदाता मानते हैं सिंधिया परिवार के लोग

किसानों की कर्ज माफी को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान पर पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने सिंधिया का नाम लिए बिना कहा, शायद उनकी अंतर-आत्मा जाग गई। उन्हें अपने दादा-परदादा की याद आ गई, जो किसानों को अन्नादाता मानते थे। भिंड प्रवास के दौरान शनिवार को अनूप मिश्रा ने कहा कि उनके (सिंधिया) परिवार के बारे में कहा जाता है जब किसान उनके दरवाजे पर गए तो वे दौड़े आए, कहा मेरे अन्नदाता आ गए। उन्होंने अपनी वंश परंपरा को रखते हुए यह बात कही होगी।

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