अतिथि विद्वानों की सेवाएं समाप्त नहीं की जाएंगी: उच्च शिक्षामंत्री | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वान अपने अनिश्चित भविष्य के साथ पिछले दो दशकों से कार्यरत है किंतु पूर्व की सरकारों ने अतिथि विद्वान की बदहाल स्थिति का जायज़ा लेने की कोई कोशिश नही की। यहां तक कि प्रदेश की उच्च शिक्षा की ज़िम्मेदारी संभालते संभालते कई अतिथि विद्वान नियमितीकरण की आस लगाए ओवर ऐज हो गए। इसी मांग को लेकर निकाल जा रही अतिथि विद्वानों की न्याय यात्रा के नीलम पार्क पहुचने पर उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी, विधायक कुणाल चौधरी एवं बसपा विधायक रामबाई नीलम पार्क पहुची।

जीतू पटवारी ने दिया अतिथि विद्वानों को नियमितीकरण का भरोसा

नीलम पार्क पहुचे उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने अतिथि विद्वानों की विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अतिथि विद्वान हमारे परिवार के सदस्य हैं। हम उनका पूरा ध्यान रख रहे हैं। सहायक प्राध्यापकों की भर्ती से अतिथि विद्वानों की स्थिति में कोई परिवर्तन नही होगा एवं अथिति विद्वानों को संभाग के अंदर ही सेवा में व्यवस्थित किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण के लिए प्रक्रिया प्रारंभ की गई है और इसके लिए एक समिति का निर्माण किया गया है। जल्द नियमितीकरण पूरा किया जाएगा।

अतिथि विद्वानों का अर्धनग्न प्रदर्शन

अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजकद्वय डॉ देवराज सिंह और डॉ सुरजीत भदौरिया ने कहा है कि कांग्रेस सरकार की नियमितीकरण और वचनपत्र के प्रति उदासीनता से अतिथि विद्वान इतने व्यथित और रोष में है कि हजारों अतिथि विद्वान अर्धनग्न होकर सरकार को उसके वचन की याद दिला रहे है। सरकार जब तक हमारी एक ही मांग नियमितीकरण को पूरा नही करती है, तो प्रदेश भर के 5000 अतिथि विद्वान राजधानी भोपाल में डटे रहेंगे।

मंत्री जीतू पटवारी के आश्वासनों से असंतुष्ट नज़र आये अतिथि विद्वान

मंत्री जीतू पटवारी के उद्बोधन के दौरान अतिथि विद्वान लगातार नियमितीकरण के  नारे लगाते रहे। मंत्री जीतू पटवारी ने हरसंभव तरीके से समझने का प्रयास किया किन्तु अतिथि विद्वान मंत्रीजी के आश्वासनों को विभागीय वेबसाइट में प्रकाशित करने की बात कह रहे थे।

उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने किया था नियमितीकरण का वादा

अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने कहा है कि सरकार आप के वचन पत्र के प्रति कितनी गंभीर है यह इसी बात से पता चल रहा है कि 10 माह का लंबा अंतराल बीत जाने के बाद भी सरकार हमारे नियमितीकरण की दिशा में एक कदम भी आगे नही बढ़ी है। बल्कि जिन पदों में अतिथि विद्वान कार्यरत है उन्हीं पदों में सरकार सहायक प्राध्यापक परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों को नियुक्ति देना चाहती है।बीजेपी की शिवराज सरकार के दौरान शोषणकारी अतिथि विद्वान व्यवस्था के खिलाफ असंतोष जाहिर करते हुए और नियमितीकरण की मांग पर महिला अतिथि विद्वान डॉ पार्वती व्याघ्रे ने अपने केश दान करके मुंडन तक करा लिया था। तब तत्कालीन कांग्रेस विधायक और वर्तमान उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी अतिथि विद्वानों के मंच पर आए थे और कहा था कि शिव के राज में पार्वती का मुंडन प्रलय की निशानी है। अगर मैं इस प्रदेश का उच्च शिक्षा मंत्री बना तो मैं अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करवाऊंगा। आज सरकार बने 10 माह का लंबा अंतराल बीत चुका है। जीतू पटवारी उच्च शिक्षा मंत्री भी बन चुके हैं लेकिन बेहाल, परेशान अतिथि विद्वान आज भी बदहाल स्थिति में जीवन यापन कर रहे है। उनको आज भी अपने नियामितिकरण का इंतज़ार है।

राहुल गांधी ने इंदौर प्रवास पर की थी नियमितीकरण की बात

मोर्चा के डॉ जेपीएस चौहान और डॉ आशीष पांडेय के अनुसार तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इंदौर प्रवास पर भी अतिथि विद्वानों का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला था। तब राहुल गांधी ने अतिथि विद्वानों से सहानुभूति जताते हुए कहा था की ये अतिथि विद्वान क्या होता है। हमारी सरकार आई तो हम ये अतिथि शब्द ही हटा देंगे। उस कार्यक्रम में मौजूद पीसीसी तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष और आज के मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने भी अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण की बात की थी। आज सब कुछ बदल चुका है। बीजेपी के स्थान पर कांग्रेस की सरकार बन चुकी है। कमलनाथ मुख्यमंत्री और जीतू पटवारी उच्च शिक्षा मंत्री बन चुके है। लेकिन अगर कुछ नही बदला है तो अतिथि विद्वानों की बदहाल स्थिति। वो जस की तस बनी हुई है।

नियमितीकरण हेतु अतिथि विद्वानों ने प्रारम्भ की न्याय यात्रा

दो दशकों से नियमितीकरण का इंतज़ार कर रहे अतिथि विद्वानों ने अब इंदौर से भोपाल तक न्याय यात्रा और वचन स्मरण रैली निकाल कर सरकार से एक बार फिर अपने नियमितीकरण की और वचनपत्र की कंडिका 17.22 को पूरा करने की गुहार लगाई है। इस यात्रा में अब तक लगभग 3000 अतिथि विद्वान शामिल हो चुके है,जिसमे बड़ी संख्या में महिला अतिथि विद्वान साथी शामिल हैं जो सपरिवार अपने बच्चों के साथ यात्रा में शामिल हो रही है। 12 अक्टूबर को नीलाम पार्क में अतिथि विद्वानों की विशाल जंगी प्रदर्शन था। जिसमे पूरे प्रदेश से लगभग 5000 अतिथि विद्वान शामिल रहे।

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