हाल ही मेें दहशरा और दीपावली जैसे त्यौहार निकले हैं। रावण का वध और भगवान श्रीराम की अयोध्या में वापसी। वाल्मीकि रामायण सहित दुनिया की सभी रामायणों में रावण का वध भगवान श्रीराम ने किा है परंतु जैन रामायण वाल्मीकि रामायण से बिल्कुल अलग हैं। जैन रामायण के अनुसार रावण का वध लक्ष्मण ने किया था।
जैन धर्म की मान्यता है कि हर एक चक्रीय कालक्रम में 24 तीर्थंकर, 12 चक्रवर्ती, 9 वासुदेव, 9 बलदेव तथा 9 प्रतिवासुदेव का जन्म होता है। सभी श्रेणियों का विभाजन उस विशेष पात्र द्वारा पूर्व जन्म में किए गए पाप तथा पुण्य पर आधारित होता है। विभिन्न तप और त्याग कर आप अपने आत्मा का कल्याण कर उच्च स्तर को प्राप्त कर सकते हैं।
जैन रामायण के अनुसार श्रीराम अहिंसावादी थे इसलिए उन्होंने रावण वध के लिए हथियार नहीं उठाए थे। जैन रामायण के अनुसार श्रीराम बलदेव, लक्ष्मण वासुदेव और रावण प्रतिवासुदेव थे। बाद में श्रीराम अपना राजपाट छोड़कर मोक्ष को प्राप्त हुए जबकि लक्ष्मण और रावण पुनः जन्म लेंगे और उच्च कर्म करते हुए मोक्ष को प्राप्त करेंगे।