कांग्रेस विधायक बाड़े से लेकर मुरार तक अतिक्रमण करवा रहे हैं: निगम बैठक में हंगामा | GWALIOR NEWS

ग्वालियर। नगर निगम परिषद की बैठक में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। भाजपा के साथ निर्दलीय पार्षदों ने भी कांग्रेस के विधायकों पर खुलकर आरोप लगाया कि शहर में अतिक्रमण करवा रहे हैं। पार्षद बृजेश गुप्ता ने तो यहां तक कहा कि मुरार में उनके वार्ड में ठेले वालों ने शौचालय का रास्ता रोक दिया है। उन्होंने जब इसकी शिकायत की तब क्षेत्रीय विधायक ठेले वाले के समर्थन में आ गए और उनके खिलाफ ठेले वालों को पुलिस थाने भी भिजवा दिया। 

भाजपा के पार्षदों का यहां तक कहना था कि इसी तरह दक्षिण विधानसभा के विधायक भी हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं होने दे रहे हैं। ग्वालियर हाईकोर्ट ने अवैध अतिक्रमण रोकने के निर्देश दिये हैं और इसके लिये नगर निगम लगातार कार्यवाही भी कर रहा है। मगर क्षेत्रीय विधायक चाहे जब महाराज बाड़े पर आकर निगम और पुलिस के कर्मचारियों पर दबाव बनाकर  सडक़ पर दुकानें लगवा रहे हैं। इस तरह की विधायकों की दबाव की राजनीति की वजह से शहर की सकड़ों पर अतिक्रमण पनपने लगा है और महाराज बाड़े से लेकर मुरार तक अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। 

इस तरह की विधायकों की मनमानी और दबाव की राजनीति की वजह से नगर निगम के शहर के विकास कार्य भी पूरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। विधायक निगम अधिकारियों पर दबाव बनाकर भाजपा पार्षदों के वार्डों में काम नहीं होने दे रहे हैं। इस तरह के आरोप भाजपा पार्षद धर्मेन्द्र कुशवाह, धर्मेन्द्र राणा, भूपेन्द्र मोगनिया आदि ने लगाये। कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष कल्लू दीक्षित ने कहा कि निगम अधिकारियों पर दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए। इससे कर्मचारी काम नहीं कर पा रहे हैं। सडक़ पर अतिक्रमण करवाने में निगम व पुलिस के कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं जो कांग्रेस नेताओं व विधायक की आड़ लेकर सडक़ पर लगने वाले फुटपाथ और अवैध अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। विधायक ऑटो लेकर शहर में घूम तो रहे हैं मगर अपने क्षेत्र में जाने से बच रहे हैं। जिस महाराज बाड़ा क्षेत्र में पैर रखने को भी जगह नहीं है वहां से वाहन निकलना नामुमकिन है। वहीं महाराज बाड़ा क्षेत्र के मुख्य बाजार नजरबाग मार्केट, सुभाष मार्केट और टोपी बाजार में दुकानदार ग्राहकों के इंतजार में बैठे हुए हैं। मगर उनके बाजारों के बाहर सडक़ घेरकर बैठे हुए फुटपाथी उनको दुकानों तक  नहीं पहुंचने दे रहे हैं। ऐसे में फुटपाथियों को सडक़ से हटाने के नाम पर निगम और पुलिस के कर्मचारी दुकानदारों से अवैध वसूली में लगे हुये हैं। इससे निगम की छवि खराब हो रही है। 

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