आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती विवाद: BPL के 10 बोनस अंक अवैध थे, काट दिए तो नौकरी गई

Bhopal Samachar
जबलपुर। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने आंगनबाड़ी सहायिका पद पर हुई नियुक्ति को अनुचित पाते हुए याचिका खारिज कर दी। साथ ही नए सिरे से मैरिट के आधार पर 30 दिन के भीतर नई नियुक्ति के निर्देश जारी कर दिए।

मामले की सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से शासकीय अधिवक्ता महेंद्र चौबे खड़े हुए। अनावेदिका ऊषा देवी कोल की ओर से अधिवक्ता मनीष कुमार सोनी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता सीमा बैस को बीपीएल के 10 बोनस अंकों का लाभ अनुचित तरीके से दिया गया। ऐसा इसलिए क्योंकि वह बीपीएल में नहीं आती है। इसके बावजूद घोघरा केंद्र में आंगनबाड़ी सहायिका बना दिया गया। 

चूंकि इससे अनावेदिका ऊषा देवी कोल का हक मारा गया, अतः बीपीएल के बोनस 10 अंक कम करने की मांग की गई। कलेक्टर व कमिश्नर द्वारा यह मांग मंजूर कर लिए जाने के कारण सीमा बैस ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। हाईकोर्ट ने कहा कि यह याचिका निरस्त किए जाने योग्य है। ऐसा इसलिए क्योंकि बीपीएल के 10 बोनस अंक अनुचित तरीके से दिए गए थे। यदि वे अंक काट लिए जाएं तो मैरिट के आधार पर ऊषा देवी कोल की नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!