भोपाल। सरकारी लापरवाही के कारण आई बाढ़ के चलते तबाह हुए मंदसौर में प्रभारी मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा बाढ़ पीड़ितों पर ही भड़क उठे। बाढ़ पीड़ित भूखे बच्चों के लिए दूध और भोजन की मांग कर रहे थे। मंत्री ने टका सा जवाब दिया कि 'मैं दूध देने नहीं आया हूं।' इस घटनाक्रम का वीडियो वायरल हुआ है।
सीतामऊ तहसील के ग्राम पाया खेड़ी का मामला है
प्रभारी मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा बाढ़ पीड़ितों से मिलने मंदसौर के सीतामऊ तहसील के ग्राम पाया खेड़ी पहुंचे थे। बता दें कि यहां कई समाजसेवी संस्थाएं बाढ़ पीड़ितों को भोजन एवं कपड़े वितरित कर रहीं हैं। प्रभारी मंत्री को अपने बीच देखकर तत्काल राहत की उम्मीद लिए बाढ़ पीड़ितों का एक समूह उनके पास जा पहुंचा। इसी समय यह घटनाक्रम हुआ।
मैं दूध देने नहीं, मुआवजा देने आया हूं: प्रभारी मंत्री
वीडियो में साफ समझ आ रहा है कि बाढ़ पीड़ित चाहते थे कि सरकारी मुआवजा प्रक्रिया से पहले उन्हे तत्काल राहत दी जाए। वो निवेदन कर रहे थे कि बच्चे भूखे हैं। उन्हे पिलाने के लिए दूध तक नहीं है। इसी बीच मंत्री के साथ मौजूद एक समर्थक बाढ़ पीड़ितों पर भड़क गया। सवाल जवाब करने लगा। फिर प्रभारी मंत्री का भी पारा चढ़ गया। भड़कते हुए मंत्री हुकुम सिंह ने कहा कि मैं दूध देने नहीं आया मुआवजा देने आया हूं।
दूध देना प्रभारी मंत्री का काम है
बता दें कि मध्य प्रदेश में जिला सरकार की अवधारणा पर काम हो रहा है। प्रभारी मंत्री जिले में मुख्यमंत्री के समकक्ष होता है। प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित जनता को राहत पहुंचाना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। राहत शिविर, पीड़ितों को भोजन, कपड़े और बच्चों को दूध व पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। प्रभारी मंत्री को दूध देने जाना चाहिए था।