भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक वन मंत्री उमंग सिंघार के सरकारी आवास पर दिग्विजय सिंह समर्थकों ने उनका पुतला जलाया और सिंघार को पार्टी से बाहर निकालने के लिए नारे लगाए। करीब 12 घंटे से गायब सिंघार मीडिया के सामने आ गए लेकिन इस बार उन्होंने कोई बयान नहीं दिया। बता दें कि पिछले 3 दिनों से वो लगातार दिग्विजय सिंह पर हमला कर रहे थे।
कमलनाथ से क्या बात हुई नहीं बताउंगा
सिंघार ने कहा कि उनके और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच जो भी बात हुई, वो निजी है और वे इसे सार्वजनिक नहीं करना चाहते। उन्होंने दावा किया कि पार्टी में सब कुछ ठीक है और प्रदेश में कोई संवैधानिक संकट नहीं है। कल रात ही एक ऑडियो वायरल होने के बाद सिंघार के गृहक्षेत्र धार के सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे को हटाए जाने पर सिंघार ने कहा कि मुख्यमंत्री को जो कार्रवाई करनी थी, वो उन्होंने कर दी।
दिग्विजय सिंह के बारे में जो कहना था कह चुका
सिंघार ने कहा कि कमलनाथ जी से मुलाकात हो गई है। और शाम को दीपक बावरिया जी से भी मेरी बात हो गई है। मैं उनसे अपनी बात कह चुका हूं। हालांकि सिंघार ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ दिए गए बयानों से इनकार नहीं किया, लेकिन उस पर कुछ बोले भी नहीं। उन्होंने कहा कि जो कहना था, वो मैं पहले कह चुका हूं। फिर से नहीं दोहराऊंगा।
उमंग सिंघार ने क्या कहा था
पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंह के बेहद करीबी माने जाने वाले उमंग सिंघार ने मंगलवार को दोपहर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ जमकर मोर्चा खोला था। उन्होंने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री 'पावर सेंटर' के तौर पर विभाग चला रहे हैं, कलेक्टर और कमिश्नर जैसे अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग कराते हैं, खुद बैठकें लेते हैं और बच्चों सरीखी जिद करते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि दिग्विजय सिंह अपनी बयानबाजी से कांग्रेस का नुकसान कराते हैं।
ऑडियो वायरल होने सहायक आबकारी आयुक्त को हटाया
उमंग सिंघार उन्होंने कहा था कि उन्होंने सिंह का सरकार पर से दबाव दूर करवाने के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र भी लिखा है। इसी बीच कल ही श्री सिंघार के गृह क्षेत्र धार जिले में आबकारी विभाग के एक अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता के बीच कथित फोन चर्चा का ऑडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही धार में पदस्थ सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे को भी हटा दिया गया।