साईं बाबा इंडस्ट्रीज: विधायक प्रवीण पाठक ने सीलिंग की कार्रवाई रुकवाई, वायरल | MP NEWS

ग्वालियर। कमलनाथ सरकार ने मिलावट के खिलाफ 'शुद्ध के लिए युद्ध' का ऐलान कर रखा है परंतु मध्य प्रदेश के विधायक सरकारी कार्रवाई को रोकने में लगे हुए हैं। गिरवाई क्षेत्र में तिली फैक्ट्री साईंबाबा इंडस्ट्रीज के मामले में ऐसा ही हुआ। प्रशासनिक अधिकारियों का पूरा लश्कर पहुंचा था। साईंबाबा इंडस्ट्रीज के मालिक कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा पाए। टीम ने साईंबाबा इंडस्ट्रीज को सील करने की कार्रवाई शुरू की तो विधायक प्रवीण पाठक ने फोन करके कार्रवाई रुकवा दी। यदि सोशल मीडिया पर मामला वायरल ना होता तो साईंबाबा इंडस्ट्रीज की सीलिंग भी ना हो पाती। 

साईंबाबा इंडस्ट्रीज अवैध है: एसडीएम का पंचनामा

गिरवाई क्षेत्र में तिली फैक्ट्री साईंबाबा इंडस्ट्रीज पर टीम को मौके पर न वाटर ट्रीटमेंट प्लांट चलता मिला न ही फैक्ट्री मालिक लायसेंस दिखा सके। पॉल्यूशन से लेकर वन विभाग तक कोई एनओसी नहीं थी। फैक्ट्री स्टाफ का कोई पंजीयन नहीं था और गंदगी की भरमार थी। सुरक्षा उपकरण नाम की चीज यहां नहीं मिली। कुल मिलाकर कारोबार ही अवैध तरीके से चल रहा था। खुद एसडीएम पुष्पा पुषाम ने इन बिंदुओं पर पंचनामा बनवाया और फूड सेफ्टी टीम से सैंपलिंग कराई। केमिकल भी काफी मात्रा में मिले।

गिरधारी लाल वाधवानी हैं साईंबाबा इंडस्ट्रीज के मालिक

मंगलवार को एसडीएम पुष्पा पुषाम, नायब तहसीलदार वंदना यादव, फूड ऑफिसर रवि शिवहरे,निरूपमा शर्मा,लखनलाल कोरी, लोकेंद्र सिंह की टीम पहुंची। यहां से सफेद-काली तिली और केमिकल व स्टार्च के सैंपल लिए गए। यहां साईंबाबा इंडस्ट्रीज के मालिक गिरधारी लाल वाधवानी हैं जिनकी तिली फैक्ट्री की बड़ी करोड़ों की लागत की यूनिट है।

विधायक प्रवीण पाठक ने फोन किया तो सीलिंग की कार्रवाई रुक गई

यहां तिली का काम होता मिला और मौके पर मालिक कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा सके। मौके पर आसपास के कारोबारी भी आ गए थे, जिन्होंने विधायक प्रवीण पाठक से अफसरों की बात करा दी। इस कॉल के बाद सील करते करते टीम रुक गई और रवाना हो गई। 10 मिनट बाद फिर अफसर लौट आए और सील करने की कार्रवाई करके गए।

फिर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ मामला और साईंबाबा इंडस्ट्रीज सील हो गई

इसके बाद सोशल मीडिया पर मामला वायरल हो गया। आरोप लगाए गए कि विधायक प्रवीण पाठक अवैध इंडस्ट्रीज को बचा रहे हैं जबकि सरकार शुद्ध के लिए युद्ध की घोषणा कर चुकी है। पब्लिक का प्रेशर बना तो टीम लौटकर साईंबाबा इंडस्ट्रीज आई और उसे सील कर दिया गया। 

दस्तावेज देने पर ही खुलेगी सील

मौके पर तिली फैक्ट्री के मालिक कोई दस्तावेज-एनओसी नहीं दिखा पाए। गंदे पानी के निष्पादन के लिए लगा प्लांट बंद पड़ा था। दस्तावेज देने पर ही सील खोली जाएगी। पुष्पा पुषाम,एसडीएम

दो दिन की मोहलत मिली

तिली फैक्ट्री संचालक की फैक्ट्री प्रशासन ने सील की है, इसको लेकर मैंने कलेक्टर से बात की थी और दो दिन की मोहलत मिली है, दस्तावेज दिखाने पर सील खोल दी जाएगी। प्रवीण पाठक,विधायक, दक्षिण

हर विभाग से आपत्ति तो चलवा कौन रहा फैक्ट्रियां

गिरवाई क्षेत्र में चलने वाली तिली फैक्ट्रियों को लेकर मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड संचालन बंद करने को लेकर नोटिस दे चुका है, बिजली कंपनी को कनेक्शन काटने के पत्र लिख चुका है। बिजली कंपनी कुछ फैक्ट्रियां में कनेक्शन काट भी चुकी थी, उधर वन विभाग फैक्ट्रियों को क्षेत्र को सोन चिरैया अभ्यारण्य का क्षेत्र बताते हुए यूनिट बंद करने का नोटिस दे चुका है। तिली फैक्ट्रियों के प्रदूषण के कारण वहां के नाले, खेत व अन्य क्षेत्र जहरीला जैसा हो चुका है।

इन्हें मिला था पॉल्यूशन कंट्रोल का नोटिस

-मैसर्स मूलचंद माधवदास,गिरवाई
-मैसर्स पवनकुमार बूढामिल,गिरवाई
-मैसर्स साईंबाबा इंडस्ट्रीज,बेलदार का पुरा
-मैसर्स कोहिनूर इंडस्ट्रीज,गिरवाई
-मैसर्स शिवशक्ति,तिली मिल,गिरवाई
-मैसर्स जयबाबा इंडस्ट्रीज,ग्राम निरावली
-मैसर्स पारस व्हाइट गोल्ड एग्रो इंडस्ट्रीज
-मैसर्स कैलाश इंडस्ट्रीज,ग्राम गिरवाई
-मैसर्स शीतल इंडस्ट्रीज,गिरवाई

प्रदूषण से जीना दुश्वार

प्रदूषण से जीना मुश्किल ज्ञात रहे कि गिरवाई क्षेत्र में तिली फैक्ट्रियों के प्रदूषण के कारोबार का मुद्दा पहले भी सामने आ चुका है। यहां करीब 9 तिली फैक्ट्रियां हैं। इसकी वजह से इन फैक्ट्रियों से निकलने वाले वेस्टेज पानी में केमिकल होने से लोगों को परेशानी होती है।

वाटर लेवल गिरने से पलायन

यहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक बंद पड़े हैं। दूसरा तिली की धुलाई बड़ी मात्रा में पानी का उपयोग गिरवाई क्षेत्र में किया जाता है और यहां बड़े बड़े बोर हैं जिनसे दिन-रात पानी लिया जाता है। इसकी वजह से यहां घरों के बोर सूख गए हैं और जल संकट खड़ा हो गया है। लोग पलायन कर रहे हैं।
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