भोपाल। मप्र पुलिस के इतिहास में और हनी ट्रैप मामले में एक बड़ा घटनाक्रम हुआ है। स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने मीडिया के सामने आकर अपना मत व्यक्त किया है कि डीजीपी व्ही के सिंह को हनी ट्रैप मामले से हटा देना चाहिए। इसका पर्यवेक्षण किसी अन्य डीजी स्तर के अधिकारी को देना चाहिए।
स्पेशल एडीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने मीडिया के सामने आकर कहा कि डीजीपी वीके सिंह का कथन लगातार विवादों में रहा। पहले आईजी सीआईडी को एचआईटी का चेयरमैन बनाया, उसके बाद डीजी स्तर के अधिकारी को चेयरमैन बनाया। उसके बाद एसआईटी के सदस्यों को बदला गया और उसके बाद साइबर ब्रांच के एक गेस्ट हाउस को किसी ना किसी तरह से हनी ट्रैप से लिंक करने की कोशिश की गई।
स्पेशल एडीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि पूरा पूरा विवाद देखने के बाद मेरा व्यक्तिगत मत है कि पुलिस महानिदेशक महोदय की पोजीशन अनटेनेबल हो जाती है, यानी हल्के से विवाद में आ जाती है। मेरे मत के अनुसार अब एसआईटी का पर्यवेक्षण किसी ऐसे डीजी स्तर के अधिकारी से कराना चाहिए जो पुलिस मुख्यालय में पदस्थ ना हो। यह न्याय के लिए सुसंगत होगा।