मप्र के सभी शिक्षक BLO की ड्यूटी से मुक्त, कलेक्टरो का आदेश अवैध था

भोपाल। राज्य शिक्षा केंद्र के एक बार फिर आदेश जारी किया है कि शिक्षकों की ड्यूटी किसी भी प्रकार के गैर शिक्षकीय कार्य में नहीं लगाई जा सकती। साथ ही स्पष्ट किया है कि कलेक्टरों को कोई अधिकार नहीं है कि वो लोक शिक्षण संचालनालय की अनुमति के बिना किसी भी शिक्षक को गैर शिक्षकीय कार्य की ड्यूटी में लगाएं। राशिके के इस आदेश के साथ ही मप्र के वो सभी शिक्षक BLO की ड्यूटी से मुक्त से मुक्त हो गए जिन्हे कलेक्टरों ने मनमाने तरीके से काम पर लगा दिया था। कलेक्टरों द्वारा जारी किए गए ड्यूटी आदेश अवैध माने जाएंगे। 

शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 27

राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी कलेक्टरों को संबोधित आदेश क्रमांक / राशिके / आरटीई / 140/ 2019/6058 भोपाल, दिनांक 24-9-19 में लिखा है कि 'शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 27 में शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में न लगाए जाने के संबंध में स्पष्ट प्रावधान किया गया है। यह प्रावधान निम्नानुसार है: धारा 27 - " किसी शिक्षक को दस वर्षीय जनसंख्या जनगणना आपदा राहत कर्तव्यों या यथास्थिति, स्थानीय प्राधिकारी या राज्य विधान – मंडलों या संसद के निर्वाचनों से संबंधित कर्तव्यों से भिन्न किसी गैर –शैक्षिक प्रयोजनों के लिए अभियोजित नहीं किया जाएगा"

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्पष्ट आदेश

2- माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा, शिक्षकों को गैर - शिक्षकीय कार्य में न लगाये जाने के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग विरूद्व सेंट मेरी स्कूल एवं अन्य के प्रकरण में दिनांक 6.12.2007 को पारित आदेश को विचार में लेते हुए भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अधिनियम के . अंतर्गत निर्वाचन कार्य में शिक्षकों को लगाए जाने के संबंध में पृथक से दिशा निर्देश जारी किये गये है. इन निर्देशों में यह स्पष्ट किया गया है कि विधान मंडल/संसद/स्थानीय निकायों के निर्वाचन में मतदान, मतगणना एवं प्रशिक्षण तथा सामग्री प्राप्त करने के कार्य में शिक्षकों को नियोजित किया जा सकेगा, लेकिन मतदाता सूची के पुनरीक्षण से जुड़े हुए कार्य अवकाश के दिन और गैर शैक्षिक दिन एवं समय में ही सौंपे जा सकेंगे। दिशा निर्देश निम्नानुसार है:

"Duties relating to election to the local autority of the State Legislatures of Parliament relate to couduct of elections and the consequent deployment of teachers on training to them and collection of election material for such depliyment. All other duties telating to electoral roll revisions will be undertaken on holidays and during non-teaching hour and non teaching days,"

3. संदर्भित पत्रों द्वारा स्पष्ट निर्देश के बावजूद भी कुछ जिलों द्वारा शिक्षकों को बी.एल.ओ. कार्य में लगाया गया है। शिक्षकों को बी.एल.ओ. के रूप में कार्य करने से शिक्षा विभाग की शाला स्तर की गतिविधियों को सम्पादित करने में प्रतिकूल प्रभाव हो रहा है। यहां तक कि बी.एल.ओ. डयूटी होने के कारण शिक्षकों हेतु आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रभावित हो रहा है, जिसका सीधा प्रभाव शिक्षा की गुणवत्ता पर होगा।

4. शासन निर्देश दिनांक 25.03.2013 में यह स्पष्ट किया गया है कि यथा संभव बीएलओं के रूप में कार्यरत शिक्षकों को उक्त कार्य से मुक्त किया जाये। यदि अपरिहार्य कारणों से किसी शिक्षक को बीएलओं के कार्य का दायित्व सौपना आवश्यक है तो यह सुनिश्चित किया जाये कि यह कार्य उस गांव/वसाहट से ही संबंधित हो जिस स्कूल में शिक्षक पदस्थ है। निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह कार्य अवकाश के दिन और गैर शिक्षिक दिवस/समय में ही संपादित हों।

उक्त के प्रकाश में अनुरोध है कि इसकी आप आपने स्तर पर समीक्षा करें तथा अधीनस्थ अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देने का कष्ट करें।
(आईरीन सिंथिया जे.पी.) संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र

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